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    Gorakhpur एम्स में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे कराना हुआ महंगा, MRI का भी बढ़ा रेट; यहां जानें- कितनी हुई बढ़ोतरी

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sun, 13 Aug 2023 01:50 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स में पूर्वांचल बिहार सहित नेपाल तक के रोगी इलाज कराने के लिए आते हैं। इन रोगियों को अब गोरखपुर एम्स में अल्ट्रासाउंड एक्सरे एमआरआइ जांचें कराने के लिए पहले से तीन गुणा ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे। एम्स में सभी जांचें महंगी हो गई हैं। बता दें कि यह रेट सीजीएचएस में निर्धारित होता है। जांच महंगा होने से गरीब लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई।

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    Gorakhpur एम्स में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे कराना हुआ महंगा। (फाइल)

    गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, एमआरआइ जांचें महंगी हो गई हैं। सेंट्रल हेल्थ गवर्नमेंट स्कीम (सीजीएचएस) में जांच का रेट बढ़ने के बाद एम्स प्रशासन ने हिंद लैब को नया दर लागू करने की अनुमति दे दी है। कई जांच पहले के मुकाबले तीन गुणा से ज्यादा महंगी हो गई हैं। इससे रोगियों को एम्स में उपचार कराने पर ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे। सीजीएचएस ने जून में जांच की दरों में इजाफा किया था। इसके आधार पर जांच करने वाली संस्था हिंद लैब ने एम्स प्रशासन को पत्र लिखकर नई दर लागू करने की मांग की थी। जांच के बाद अब एम्स प्रशासन ने हिंद लैब को नई दर लागू करने को कह दिया है। जो जांच सीजीएचएस में शामिल नहीं हैं, उनका रेट एम्स दिल्ली में लगने वाले रेट पर होगा।

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    यह है रेट

    अल्ट्रासाउंड पेट का

    पहले रेट- 323

    अब रेट- 680

    अल्ट्रासाउंड पेट निर्देशित एफएनएसी

    पहले रेट- 490

    अब रेट- 1530

    अल्ट्रासाउंड पेल्विस

    पहले रेट- 255

    अब रेट- 425

    पेट का एक्सरे

    पहले रेट- 128

    अब रेट- 215

    सीने का एक्सरे

    पहले रेट- 60

    अब रेट- 195

    घुटने की एमआरआइ

    पहले रेट- 2125

    अब रेट- 2550

    अल्ट्रासाउंड के लिए तीन महीने का इंतजार

    एम्स में रोगियों को अल्ट्रासाउंड के लिए तीन महीने का इंतजार करना पड़ रहा है। शनिवार को जिन रोगियों को डाक्टरों ने अल्ट्रासाउंड की सलाह दी उनका पंजीकरण 25 अक्टूबर के लिए किया गया। ज्यादातर रोगियों ने पंजीकरण नहीं कराया। उन्होंने प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच का निर्णय लिया है। एम्स में सामान्य दिनों में 25 सौ से ज्यादा रोगी आते हैं। इनमें से तकरीबन पांच सौ से आठ सौ रोगियों को अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह दी जाती है। रोजाना 25 अल्ट्रासाउंड ही होता है। हिंद लैब ने दो डाक्टरों से अल्ट्रासाउंड जांच के लिए करार किया है। इनमें एक डाक्टर सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और दूसरे डाक्टर दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक जांच करते हैं। सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक अल्ट्रासाउंड नहीं होता है।

    म्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि एम्स में सीजीएचएस की ओर से निर्धारित दर पर जांच की जाती है। जून में आठ साल बाद दरों में बदलाव किया गया था। इसके आधार पर हिंद लैब ने नई दर लागू करने की अनुमति मांगी थी। अब अनुमति दे दी गई है।