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    गोरखपुर AIIMS की इंजीनियर की योग्यता पर सवाल, 21 की जगह 10 वर्ष में बन गईं एसई

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 09:42 AM (IST)

    गोरखपुर एम्स में अधीक्षण अभियंता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी की योग्यता पर सवाल उठे हैं। आरोप है कि उनके पास आवश्यक अनुभव से कम होने के बावजूद उन्हें नियुक्त किया गया। उनकी बीटेक डिग्री और नियुक्ति प्रक्रिया पर भी संदेह जताया गया है। एम्स प्रशासन ने शिकायत की पुष्टि की है, पर विस्तृत जानकारी नहीं दी।

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    लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी ने वर्ष 2024 में एम्स में कार्यभार ग्रहण किया था

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स में एक बार फिर योग्यता को लेकर शिकायत की गई है। इस बार शिकायत अधीक्षण अभियंता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी को लेकर हुई है। शिकायत में कहा गया है कि अधीक्षण अभियंता पद पर कम से कम 21 वर्ष का अनुभव रखने वाले इंजीनियर को तैनात किया जाता है लेकिन लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी को वर्ष 2014 में बीटेक इलेक्ट्रानिक्स में करने के बाद 10 वर्ष से भी कम अनुभव पर पर भी एम्स में कार्यभार दे दिया गया।

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    शिकायत में उनकी बीटेक डिग्री पर भी सवाल उठाए गए हैं। इस संबंध में पक्ष लेने के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी को फोन किया गया लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं की। वाट्सएप पर पक्ष लेने के लिए संदेश दिया गया लेकिन इसका भी उन्होंने जवाब नहीं दिया।

    एम्स के चेयरमैन पद्मश्री डा. हेमंत कुमार, कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता समेत सभी बोर्ड सदस्यों से शिकायत की गई है। कहा गया है कि वर्ष 2023 में एम्स में अधीक्षण अभियंता पद के लिए जारी विज्ञापन में लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी ने भी आवेदन किया था।

    कहा गया है कि बीटेक इलेक्ट्रानिक्स से पढ़ाई करने वाले की एम्स में एसई पद पर तैनाती नहीं हो सकती लेकिन मनीषा तिवारी को तैनाती दी गई। एसई पद पर भर्ती के लिए इंजीनियर के पास 21 वर्ष का अनुभव होना चाहिए लेकिन मनीषा तिवारी के पास 10 वर्ष का भी अनुभव नहीं है। एम्स की मीडिया सेल की चेयरपर्सन डा. आराधना सिंह ने शिकायत की पुष्टि की है। उन्होंने इससे ज्यादा कोई जानकारी नहीं दी।

    फुटपाथ पर सीढ़ी बनाने पर भी सवाल

    शिकायत में एम्स के गेट पर रोगियों व स्वजन के चलने वाली जगह पर सीढ़ी जैसी संरचना बनाकर पौधे रखने पर भी सवाल उठाए गए हैं। कहा गया है कि ऐसा करने से लोगों को बहुत असुविधा हो रही है और हादसे का भी खतरा बना रहता है।

    बिना छुट़्टी 10 दिन नहीं थीं, फिर भी मिल गया वेतन

    कहा गया है कि 21 दिसंबर 2014 से 20 जनवरी 2025 के बीच लेफ्टिनेंट कर्नल मनीषा तिवारी 10 दिन से ज्यादा समय तक बिना स्वीकृति अवकाश पर थीं। उनकी उपस्थिति सत्यापित नहीं की गई थी। पहले उनका वेतन रोका गया लेकिन बाद में जारी कर दिया गया। ऐसा होने के बाद भी उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू नहीं की गई थी। आरोप है कि चार वर्ष की जगह सिर्फ तीन वर्ष में ही बीटेक की डिग्री मिली है।