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    Swachh Vayu Sarvekshan 2025: गोरखपुर का स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन, देश में मिली पांचवीं रैंक

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 11:23 AM (IST)

    गोरखपुर ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में देश में पांचवां स्थान प्राप्त किया है जबकि पिछले साल चौथा स्थान था। अंकों में सुधार हुआ है लेकिन रैंकिंग में गिरावट आई। एकला बांध पर कूड़े के पहाड़ को खत्म करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने लगातार सुधार की बात कही।

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    रैंकिंग में एक की गिरावट, लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले मिले ज्यादा अंक

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एकला बांध पर बने कूड़े के पहाड़ को खत्म कर नगर निगम गोरखपुर ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर अंक हासिल करने में सफल रहा, लेकिन राष्ट्रीय रैंकिंग में पिछड़ गया। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट में गोरखपुर को देश में पांचवां और प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है।

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    तीन से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में गोरखपुर ने यह उपलब्धि हासिल की है। जबकि पिछले वर्ष गोरखपुर ने 191.5 अंक के साथ देश में चौथा स्थान हासिल किया था। इस बार गोरखपुर ने 3.5 अंक की बढ़त के साथ कुल 195 अंक अधिक हासिल किए हैं।

    तीन से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में 200 अंकों के साथ अमरावती देश में पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर 198.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से मुरादाबाद और झांसी हैं। 197.6 के साथ अलवर तीसरे और 196.5 अंक के साथ भुवनेश्वर चौथे स्थान पर है।

    195 अंक के साथ गोरखपुर पांचवें स्थान पर है। पिछले वर्ष इसी श्रेणी में गोरखपुर चौथे स्थान पर था लेकिन उस बार 191.5 अंक ही प्राप्त हुए थे। इस वर्ष गोरखपुर ने अधिक अंक प्राप्त किए हैं लेकिन एक पायदान नीचे खिसक गया है।

    दरअसल, शहर में करीब हरेक इलाके में निर्माण कार्य काफी तेजी से हो रहे हैं। इसकी वजह से धूल की समस्या बनी रहती है, लेकिन नगर निगम ने कई मोर्चों पर एक साथ काम किया। प्रमुख सड़कों पर मशीनों से सफाई कर धूल उड़ने की समस्या पर काबू पाया।

    निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल पर रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव समेत अन्य नियमों को सख्ती से लागू किया गया। एकला बांध पर के पुराने कूड़े के ढेरों का निस्तारण हुआ और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था सुधारी गई।

    गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन स्थापित कर कूड़े के निस्तारण को बेहतर बनाया गया। मिरवाकी वन स्थापित करने के साथ काफी संख्या में पौधों का रोपण किया गया। धूल पर नियंत्रण के लिए सड़क किनारे पेविंग के कार्य कराए गए।

    जाम की समस्या कम करने और यातायात नियंत्रण के प्रयास भी किए गए। इन सारे प्रयासों का साफ असर दिखा और हवा की गुणवत्ता बेहतर हुई। परिणाम रहा कि इस बार गोरखपुर को 195 अंक हासिल हुए। जबकि पिछले साल 191.5 अंक मिले थे।

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    इन मानकों पर होती है रैंकिंग

    • शहर में सड़कें बनी हों और इंड टू इंड पेविंग कार्य हो।
    • मैकेनाइज्ड स्वीपिंग को बढ़ावा दिया जा रहा हो।
    • कचरे का निस्तारण सुदृढ़ हो, सीएंडडी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था हो।
    • ग्रीन बेल्ट का विकास, डंप साइट के लिए नगर वाटिका, इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, मियावाकी विधि से वनीकरण होना जरूरी है।

    एकला बांध पर के कूड़े को निस्तारित करने की वजह से गोरखपुर को पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर अंक हासिल हुए हैं। इसमें लगातार सुधार कोशिश की जाएगी।

    गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त