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    Gorakhpur News: धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को पर्यावरणीय मंजूरी की तैयारी शुरू, जल्द होगा भूखंडों का आवंटन

    गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने की कवायद शुरू कर दी है। उद्योगों की स्थापना से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन करने के लिए ईआईए कराया जाएगा। गीडा 26 सेवानिवृत्त कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति करेगा। धुरियापार को ग्रेटर गीडा के रूप में विकसित करने की तैयारी है जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

    By Arun Chand Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 05 Jul 2025 12:34 PM (IST)
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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वांचल का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बनने जा रहे धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए अब पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) हासिल करने की दिशा में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने कवायद शुरू कर दी है।

    इस टाउनशिप में उद्योगों की स्थापना से पर्यावरण पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का आकलन करने के लिए गीडा ने एनवायरमेंटल इम्पैक्ट एसेसमेंट (ईआईए) कराने का निर्णय लिया है।

    इसके लिए प्राधिकरण ने एक उपयुक्त संस्था की तलाश शुरू कर दी है। रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) आमंत्रित कर सात जुलाई तक आवेदन मांगे गए हैं। चयनित संस्था धुरियापार में प्रस्तावित उद्योगों के पर्यावरणीय प्रभाव का विस्तृत अध्ययन करेगी।

    धुरियापार टाउनशिप का मास्टर प्लान शासन से अनुमोदित हो चुका है और 600 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण भी गीडा द्वारा कर लिया गया है। अदाणी, अवाडा और केयान जैसे बड़े औद्योगिक समूहों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है। लेकिन, टाउनशिप में भूखंडों के आवंटन से पहले पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति लेना अनिवार्य है। पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद ही गीडा विज्ञापन जारी कर भूखंडों का आवंटन कर सकेगा।

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    26 सेवानिवृत्त कर्मियों की संविदा पर होगी नियुक्ति

    धुरियापार प्रोजेक्ट को गति देने और गीडा के अन्य अधोसंरचना कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से गीडा प्रशासन ने 26 पदों पर संविदा नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की है। सभी पदों पर सेवानिवृत्त कर्मियों की छह महीने की संविदा पर नियुक्ति की जाएगी।

    इनमें दो सहायक महाप्रबंधक, एक वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल), एक प्रबंधक (वास्तुविद/नियोजन), एक प्रबंधक (सिस्टम), स्टाफ आफिसर ग्रेड-1, सहायक प्रबंधक (सिविल) तथा इलेक्ट्रीशियन सहित अन्य तकनीकी व प्रशासनिक पद शामिल हैं। सभी नियुक्तियों के लिए गीडा सीईओ अनुज मलिक के निर्देशन में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

    धुरियापार को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी

    गोरखपुर। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की महत्वाकांक्षी परियोजना धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को प्रदेश सरकार, ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर ग्रेटर गीडा के रूप में विकसित करने जा रही है। शासन से इस टाउनशिप का मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुका है, जिसके बाद तैयारियों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।

    धुरियापार टाउनशिप की खासियत इसकी जबरदस्त कनेक्टिविटी होगी। एक ओर यह क्षेत्र हाल ही में लोकार्पित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के नजदीक है, तो दूसरी ओर इसमें रेलवे लाइन बिछाने की योजना को भी हरी झंडी मिल चुकी है।

    शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मास्टर प्लान में प्रस्तावित रेलवे लाइन के दायरे में आने वाले गांवों को भी अधिसूचित कर टाउनशिप में शामिल किया जाए। इससे आने वाले वर्षों में धुरियापार क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को सड़क के साथ-साथ रेल परिवहन की भी सुविधा प्राप्त होगी।

    फोरलेन सड़क और एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा क्षेत्र

    मास्टर प्लान के तहत धुरियापार चीनी मिल से खजनी तक की सड़क को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। साथ ही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से इस क्षेत्र को जोड़ने की योजना है, जिससे दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी जैसे बड़े शहरों से सीधी और तेज कनेक्टिविटी संभव होगी।

    प्राधिकरण के मुताबिक औद्योगिक विकास की दृष्टि से लाजिस्टिक सपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण होता है—चाहे वह कच्चे माल की आपूर्ति हो या तैयार उत्पाद की डिलीवरी। ऐसे में रेल और रोड के संगम पर बनने वाली यह टाउनशिप लाजिस्टिक के लिए आदर्श केंद्र साबित होगी। यहां बनने वाले लाजिस्टिक हब से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।