गीताप्रेस ने शुरू की शारदीय नवरात्र की तैयारी, गैर हिंदी भाषा में छपेगी 50 हजार दुर्गा सप्तशती
शारदीय नवरात्र के दृष्टिगत गीता प्रेस में पुस्तकों की छपाई शुरू हो गई है। हिंदी की पुस्तकें इसी माह डिस्पैच करा दी जाएंगी। वहीं अन्य भाषाओं की पुस्तकें भी प्रकाशन के बाद सितंबर तक पुस्तक केंद्रों पर पहुंच जाएंगी। हिंदी-संस्कृति में दुर्गा सप्तशती की 1.50 लाख प्रतियां छप चुकीं हैं। दो लाख छपनी है। वहीं आर्ट पेपर पर भी दुर्गा सप्तशती की 10 हजार प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अक्टूबर में पड़ने वाले शारदीय नवरात्र के दृष्टिगत गीताप्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। हिंदी-संस्कृति में दुर्गा सप्तशती की दो लाख से अधिक प्रतियां प्रकाशित की जा रही हैं। इसमें 1.50 लाख प्रतियां छप चुकीं। आर्ट पेपर पर भी दुर्गा सप्तशती की 10 हजार प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी। अहिंदीभाषी राज्यों से मांग पूछी गई है। अनुमान के मुताबिक लगभग 50 हजार प्रतियां अहिंदीभाषियों के लिए प्रकाशित की जाएंगी।
गीताप्रेस से दुर्गा सप्तशती का प्रकाशन हिंदी-संस्कृत के अलावा छह अहिंदी भाषाओं में भी किया जाता है। इसमें मलयालम, गुजराती, नेपाली, बंगला, ओड़िया व तेलुगु भाषाएं शामिल हैं। इन भाषाओं के पुस्तक केंद्रों से कहा गया है कि दुर्गा सप्तशती की मांग भेज दीजिए, उसी के अनुरूप पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी। हिंदीभाषी क्षेत्रों से पहले ही मांग आ चुकी थी, इसलिए दो लाख प्रतियां प्रकाशित हो रही हैं।
क्या कहते हैं गीताप्रेस के प्रबंधक
गीताप्रेस प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने बताया कि नवरात्र में दुर्गा सप्तशती की मांग बढ़ती है। इसलिए पहले से ही तैयारी की जा रही है। हिंदी की पुस्तकें इसी माह डिस्पैच करा दी जाएंगी। अन्य भाषाओं की पुस्तकें भी प्रकाशन के बाद सितंबर तक पुस्तक केंद्रों पर पहुंच जाएंगी।
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