गीताप्रेस से प्रकाशित होगी गर्ग संहिता, हिंदी में अनुवाद भी होगा Gorakhpur News
गर्ग संहिता अब गीता प्रेस से प्रकाशित होगी। 1120 पृष्ठों वाली ग्रंथाकार पुस्तक में श्लोकों के साथ उसका हिंदी अनुवाद भी होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जनमानस को परिचित कराने वाली 'गर्ग संहिता' अब गीता प्रेस से प्रकाशित होगी। 1120 पृष्ठों वाली ग्रंथाकार पुस्तक में श्लोकों के साथ उसका हिंदी अनुवाद भी होगा। श्रीकृष्ण के कुलगुरु महर्षि गर्ग द्वारा रचित इस संहिता की कथाएं समस्त वैष्णव परंपरा में सर्वाधिक प्रमाणिक मानी जाती हैं।
22 संस्करण हो चुके हैं प्रकाशित
गीता प्रेस गर्ग संहिता की कथाओं का प्रकाशन मासिक पत्रिका 'कल्याण' के 44वें तथा 45वें विशेषांक में कर चुका है। इसके बाद दोनों विशेषांकों की कथाओं को स्वतंत्र ग्रंथ 'गर्ग संहिता' के रूप में भी प्रकाशित किया गया। जनमानस में यह ग्रंथ इतना लोकप्रिय हुआ कि उसके 22 संस्करण प्रकाशित किए गए। गीता प्रेस ने पहली बार संहिता के ङ्क्षहदी अनुवाद के साथ उसके मूल श्लोकों को भी प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। पहले संस्करण में तीन हजार प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी, हालांकि उसका मूल्य अभी तय नहीं है। गीता प्रेस ने 75 तरह की पुस्तकों का प्रकाशन पिछले वर्ष किया था।
दस खंडों में है मूल संहिता
गर्ग संहिता गोलोक, वृंदावन, गिरिराज, माधुर्य, मथुरा, द्वारका, विश्वजित, बलभद्र, विज्ञान व अश्वमेध समेत दस खंडों में विभक्त है। महाराज पृथु व यदुवंशियों के गुरु महर्षि गर्ग द्वारा रचित गर्ग संहिता के श्लोकों को श्रीमद्भागवत के प्राचीन टीकाकारों ने प्रमाण रूप में उद्धृत किया है।
गर्ग संहिता के प्रकाशन की तैयारी लगभग पूरी है। आगामी मार्च तक पुस्तक का प्रकाशन होने की उम्मीद है। - लालमणि तिवारी, उत्पाद प्रबंधक, गीताप्रेस
गत वर्ष की प्रकाशित प्रमुख पुस्तकें
पुस्तक संख्या
श्रीशिव महापुराण भाग एक 5,836
श्रीशिव महापुराण भाग दो 5,845
शिव पुराण कथा सागर 19,558
उपनयन संस्कार पद्धति 19,594
विवाह संस्कार पद्धति 24,001
देवी भागवत कथा सार 8,052
सुंदरकांड मूल रंगीन 27510
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