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    गैलेंट समूह के चेयरमैन को 39 साल पहले रिश्तेदारों से लेनी पड़ी थी मदद, अब 4 हजार करोड़ से अधिक साल का टर्नओवर

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sat, 29 Apr 2023 11:34 AM (IST)

    गैलेंट समूह के चेयरमैन सीपी अग्रवाल ने गल्ला कारोबार से सफर शुरू किया और अब स्टील सेक्टर में उन्होंने धाक जमा ली है। 39 साल पहले सीपी अग्रवाल ने तेल मिल फिर फ्लोर मिल स्थापित कर उद्यम की शुरुआत की।

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    गैलेंट समूह के चेयरमैन ने फर्श से तय किया अर्श तक का सफर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में आयकर की सबसे बड़ी कार्रवाई के कारण चर्चा में आए गैलेंट समूह के चेयरमैन चंद्र प्रकाश यानी सीपी अग्रवाल ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। एक गल्ला कारोबारी के रूप में व्यावसायिक जीवन की शुरुआत करने वाले सीपी अग्रवाल आज स्टील सेक्टर में धाक जमा चुके हैं। 39 साल पहले उन्होंने एक तेल मिल के साथ उद्यम की शुरुआत की थी और आज उनके समूह का सालाना टर्नओवर चार हजार करोड़ रुपये से अधिक है।

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    बैंक के साथ रिश्तेदारों से लेनी पड़ी थी आर्थिक मदद

    गैलेंट समूह के चेयरमैन सीपी अग्रवाल के पिता गोविन्द अग्रवाल गल्ले का व्यापार करते थे। बिहार के मुजफ्फरपुर के साथ ही गोरखपुर में भी इनका व्यापार था। शुरूआत में उनका परिवार साहबगंज फिर बेतियाहाता में रहने लगा। सीपी अग्रवाल शुरू से ही उद्यम पर भरोसा करते थे। 1984 के आसपास उन्होंने बरगदवा क्षेत्र में एक छोटी सी तेल मिल की स्थापना की थी। उसके कुछ समय बाद ही उन्होंने एक फ्लोर मिल की स्थापना की। परिवार को नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि उस समय उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। बैंक के साथ रिश्तेदारों से भी आर्थिक मदद लेनी पड़ी थी। फ्लोर मिल चल निकली तो आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई। कुछ समय बाद गोविंद स्टील नाम से रोलिंग मिल स्थापित की और टाइगर ब्रांड सरिया बनाने लगे।

    मुलायम सिंह यादव से हाथों रखी गई थी गैलेंट इस्पात लिमिटेड की आधारशिला

    सन 2000 के बाद उन्होंने गुजरात के कच्छ क्षेत्र में गैलेंट मेटल लिमिटेड के नाम से एकीकृत फैक्ट्री शुरू की। उत्तर प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक के निवेश पर विशेष छूट का प्रविधान आया तो गीडा में गैलेंट समूह की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी। सीपी अग्रवाल की पूर्व सपा नेता स्व. अमर सिंह के साथ नजदीकी थी। सन 2006 में अमर सिंह के जरिये ही उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के हाथों गीडा में अपनी गैलेंट इस्पात लिमिटेड की आधारशिला रखवाई। दो साल के भीतर उन्होंने उत्पादन शुरू भी कर दिया। धीरे-धीरे इस प्लांट का विस्तार होने लगा। राजनीति के साथ ही उनकी ब्यूरोक्रेसी में भी अच्छी पकड़ रही।

    ऐसे जारी रहा सिलसिला

    एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी से उनकी नजदीकी काफी चर्चा में रही। एक साल पहले सीपी अग्रवाल ने अपने प्लांट का विस्तार किया है। पहले तीन लाख 30 हजार टन प्रतिवर्ष सरिया का उत्पादन होता था, अब पांच लाख 28 हजार टन सरिया का उत्पादन हर वर्ष हो रहा है। इसी परिसर में एक सीमेंट फैक्ट्री की भी स्थापना की गई है। एक साल से अजय देवगन इस कंपनी की सरिया का प्रचार करते हैं। स्टील सेक्टर में धाक जमी लेकिन कंपनी पर अंडर बिलिंग के आरोप भी लगते रहे। इस समय उनकी कंपनी रियल एस्टेट के कारोबार में भी हाथ आजमा रही है। गैलेंट लाइफ स्पेसेज को जीडीए की खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी में ढांचागत विकास की जिम्मेदारी मिली है।