शेयर मार्केट में सूचीबद्ध गोरखपुर की पहली कंपनी है गैलेंट, स्टील सेक्टर के साथ इन क्षेत्रों में कंपनी की दस्तक
बाम्बे स्टाक एक्सचेंज एवं नेशनल स्टाक एक्सचेंज में गैलेंट ग्रुप की दो कंपनियां सूचीबद्ध हैं। गैलेंट कंपनी स्टील सेक्टर के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। आयकर के छापे के कारण चर्चा में आया गैलेंट समूह शेयर मार्केट में सूचीबद्ध गोरखपुर की पहली कंपनी है। बाम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) एवं नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में इस समूह की दोनों कंपनियां गोरखपुर की गैलेंट इस्पात लिमिटेड एवं गुजरात के कच्छ की गैलेंट मेटल लिमिटेड सूचीबद्ध है। सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों में भी अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। आयकर छापे का बहुत असर शेयर पर नजर नहीं आया।
सरिया का उत्पादन करता है गैलेंट समूह
गैलेंट समूह प्रमुख रूप से सरिया का उत्पादन करता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाजार पर पिछले कुछ समय तक इस कंपनी का एकाधिकार रहा है। कंपनी की ओर से फ्लोर मिल का संचालन भी किया जाता है। यहां तैयार होने वाला आटा, मैदा आदि उत्पाद दूसरे प्रदेशों में भी भेजा जाता है।
रियल एस्टेट सेक्टर में की शुरूआत
गैलेंट समूह रियल एस्टेट सेक्टर में भी दखल दे चुका है। लखनऊ में कंपनी ने रियल एस्टेट कंपनी शालीमार के साथ मिलकर शालीमार गैलेंट ग्रुप हाउसिंग योजना विकसित की है। अभी 13 लाख वर्ग फीट जमीन पर आवासीय एवं व्यावसायिक योजना के विस्तार की तैयारी है। रियल एस्टेट सेक्टर में कंपनी का प्रमुख चेहरा बिल्डर शोभित मोहन दास अग्रवाल हैं।
इस गैलेंट लाइफ स्पेसेज को गोरखपुर में पहला बड़ा प्रोजेक्ट गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) से मिला है। जीडीए की खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना में ढांचागत विकास का काम इसी कंपनी को मिला है। इसपर कंपनी 265 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके बदले करीब 13 एकड़ विकसित जमीन दी जाएगी। कंपनी यहां विला बनाकर बेचने की तैयारी में है।
वर्षों पहले लगाया पैसा, अब देना पड़ रहा हिसाब
गोरखपुर के रियल एस्टेट कारोबार में शोभित मोहन दास अग्रवाल चर्चित नाम है। शहर के कई ग्रुप हाउसिंग, माल व शापिंग कांप्लेक्स में उनका शेयर रहा है। शहर के कई उद्यमी, व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर उनके साथ पैसा लगाया है। वर्तमान में शोभित गैलेंट समूह के साथ मिलकर रियल एस्टेट का काम कर रहे हैं, इसीलिए उनके यहां भी छापे की कार्यवाही शुरू हुई है। पूछताछ में उनके एक प्रोजेक्ट में पार्टनर रहे शहर के एक प्रतिष्ठित उद्यमी का नाम आया। उद्यमी के कार्यालय पर भी टीम पहुंच गई। इसके बाद नाम आया शहर के एक प्रमुख व्यापारी का। आटोमोबाइल सेक्टर में दखल रखने वाले इस व्यापारी के यहां भी पूछताछ की गई है। आयकर टीम की पूछताछ का दायरा बढ़ता जा रहा है। कई और लोगों ने उनके प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है और जिस तरह से आयकर की टीम शोभित से जुड़े लोगों तक पहुंच रही है, ये लोग भी सशंकित हैं।
पहले साथ थे, अब तैयार हो चुके हैं कई ग्रुप
कुछ वर्ष पहले तक शहर के अधिकतर लोग शोभित मोहन दास अग्रवाल के साथ पैसा लगाना उचित समझते थे, लेकिन जैसे-जैसे रियल एस्टेट कारोबार में लाभ का गणित समझ आने लगा, कुछ लोगों ने अपना ग्रुप बनाकर अलग से कारोबार शुरू कर दिया।
एक सरकारी कर्मचारी का नाम भी चर्चा में
औद्योगिक विकास से जुड़े विभाग में लंबे समय तक कार्यरत रहे एक कर्मचारी का नाम भी चर्चा में आया है। आरोप लगते रहे हैं कि इस कर्मचारी ने विभाग में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जमीन की खरीद-बिक्री का कारोबार किया। इसकी ओर से रियल एस्टेट में भी पैसा लगाया गया है।

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