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    गोरखपुर महायोजना 2031 पर टिका है राप्ती रिवर फ्रंट योजना का भविष्य, रिक्रिएशनल ग्रीन एरिया निर्धारित करने का है प्रस्ताव

    By Jagran News Edited By: Jagran News Network
    Updated: Mon, 26 Feb 2024 09:23 AM (IST)

    Rapti River Front Scheme प्राधिकरण की ओर से महायोजना के प्रारूप में इस क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की जगह रिक्रिएशनल ग्रीन एरिया (मनोरंजक हरित क् ...और पढ़ें

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    राप्ती नदी के किनारे बाढ़ क्षेत्र की जगह रिक्रिएशनल ग्रीन एरिया निर्धारित करने का है प्रस्ताव।

     उमेश पाठक, गोरखपुर। राप्ती नदी के किनारे राजघाट से डोमिनगढ़ तक लगभग ढाई किलोमीटर लंबाई में प्रस्तावित राप्ती रिवर फ्रंट योजना का भविष्य गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की महायोजना 2031 पर टिका है।

    प्राधिकरण की ओर से महायोजना के प्रारूप में इस क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की जगह रिक्रिएशनल ग्रीन एरिया (मनोरंजक हरित क्षेत्र) करने का प्रस्ताव किया गया है। लेकिन शासकीय समिति ने महायोजना को अनुमोदित करने का जो पत्र भेजा था, उसके साथ लगाई गई तीन शर्तों में से एक शर्त इस क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित रखने की थी। यदि इस शर्त में परिवर्तन नहीं हुआ तो रिवर फ्रंट की योजना संभव नहीं होगी।

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    हालांकि प्राधिकरण की ओर से इन शर्तों को हटाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि प्राधिकरण के पत्र पर सकारात्मक निर्णय आ सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राप्ती नदी के किनारे राप्ती रिवर फ्रंट विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

    इस योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी गई है जबकि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए जीडीए को कहा गया है। जीडीए की ओर से इसके लिए फर्म का चयन भी कर लिया गया है। इसी को देखते हुए महायोजना में नदी के किनारे का भू उपयोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र करने का प्रस्ताव दिया गया था क्योंकि यदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को बदला नहीं गया तो रिवर फ्रंट विकसित करने में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के प्रविधानों का उल्लंघन हो सकता है।

    शासकीय समिति की बैठक में भी इस प्रस्ताव को स्वीकार न करते हुए इसे हटाने का सुझाव दिया गया था लेकिन प्राधिकरण बोर्ड ने समिति के सुझाव को नहीं माना और रिक्रिएशनल ग्रीन एरिया के रूप में ही संशोधित प्रारूप भी भेजा। उसके बाद समिति ने महायोजना के प्रारूप को तीन शर्तों के अधीन मंजूरी दी।

    ये शर्तें नदी के किनारे के क्षेत्र के रिक्रिएशनल की जगह बाढ़ प्रभावित रखने एवं ग्रीन बेल्ट वाले विनियमितीकरण क्षेत्र में पौधे लगाने व उसका खर्च मकान बनाने वाले लोगों पर डालने से जुड़ी थीं। जनहित में प्राधिकरण ने इन शर्तों को हटाने का अनुरोध किया है। इसके बाद शासकीय समिति की बैठक हुई। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भी इस बिन्दु को लेकर बैठक हुई है।

    उम्मीद है कि रिवर फ्रंट के मार्ग में कोई बाधा नहीं आएगी। रिक्रिएशनल ग्रीन एरिया होने से अस्थाई निर्माण किए जा सकेंगे। छोटे फूड प्लाजा, हरियाली, फन जोन आदि विकसित किया जा सकेगा।