Gorakhpur: कोलकाता से लाए गए 1600 करोड़ ठगने वाले जालसाज, बैंक से अधिक ब्याज देने का झांसा देकर लगाया था चूना
जालसाजों ने पिनकान ग्रुप ऑफ कंपनीज का कार्यालय गोरखपुर के बैंक रोड पर खोला था। जहां से हजारों लोगों से जालसाजी कर रुपये ऐंठ लिए। कैंट व कोतवाली थाने में केस दर्ज होने पर ताला बंद कर फरार हो गए थे।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बैंक रोड पर पिनकान ग्रुप ऑफ कंपनीज का कार्यालय खोलकर हजारों लोगों से 1600 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले कंपनी के निदेशक हरि सिंह विनय सिंह को वारंट बी पर कोलकाता जेल से गोरखपुर लाया गया। सीजेएम न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। आरोपितों के विरुद्ध कैंट और कोतवाली थाने में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपित फरार हो गए थे।
पांच साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि 2018 में कैंट थाने में न्यायालय के आदेश पर संजय कुमार सिंह की तहरीर पर कंपनी के अधिकारी मनोरंजन राय, हरि सिंह, विनय सिंह, राजकुमार राय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपित फरार हो गए। इसके बाद कोतवाली थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर बेलीपार के छपिया निवासी धर्मेंद्र त्रिपाठी समेत 150 लोगों की शिकायत पर वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता, लीली रामसरना निवासी विनय सिंह, मेलीनगर हल्लू स्कूल लेन निवासी राजकुमार, पीएम स्क्रिमेक्स निवासी रघु सेठी, रेड क्रास फैलस डलीन हाउस निवासी मनोरंजन राय, दीपांकर बसु और आगरा के अमरपुरा कलवारी बोदला थाना जगदीशपुरा निवासी हरि सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया।
यह है आरोप
आरोप है कि कंपनी ने लोगों के रुपये को जमा कराया। अभिकर्ताओं को बताया गया कि कंपनी रजिस्टर्ड है और भागने वाली नहीं है। बैंक से अधिक ब्याज दिया जाएगा। इसी झांसे में हजारों ग्राहक व अभिकर्ता फंस गए। जांच में सामने आया कि गोरखपुर के अलावा देश के कई राज्य में कंपनी के अधिकारियों ने जालसाजी की है। बंगाल में दर्ज मुकदमे में वहां की पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कोलकाता जेल में निरुद्ध आरोपितों को वारंट बी पर गोरखपुर लाने के लिए कोतवाली थाना पुलिस ने न्यायालय में अर्जी दी थी। बुधवार को कोलकाता पुलिस विनय सिंह और हरि सिंह को लेकर गोरखपुर पहुंची। दोनों को सीजेएम न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। कोलकाता जेल में निरुद्ध चार अन्य आरोपितों को वारंट बी पर लाने के लिए पुलिस फिर से न्यायालय में अर्जी देगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।