रेडीमेड गारमेंट के साथ अन्य उद्योगों को आवंटित होगी फ्लैटेड फैक्ट्री, नए साल में बनकर तैयार हो जाने की संभावना
फ्लैटेड फैक्ट्री नए साल में बनकर तैयार होने वाली है। औद्योगिक संगठनों से आवंटन प्रक्रिया के बारे में सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर ही आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे रेडीमेड गारमेंट और अन्य उद्योगों को लाभ होगा।

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने औद्योगिक संगठनों से मांगा सुझाव। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण अंतिम चरण में है और जनवरी 2026 में इसके पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है। इसके बाद गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) फैक्ट्रियों को स्थान आवंटित करना शुरू करेगा। प्राधिकरण ने मूल रूप से रेडीमेड गारमेंट उद्योग पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन अब उसने अपना दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। गीडा ने औद्योगिक संगठनों से सुझाव मांगे हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि रेडीमेड गारमेंट के साथ अन्य उद्योगों को स्थान का आवंटन किया जा सकता है।
इस कदम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय उद्यमियों और व्यवसायों को बढ़ावा देना है। फ्लैटेड फैक्ट्री माडल छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के लिए आकर्षक है, क्योंकि कम लागत में बुनियादी ढांचे और साझा सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करता है। ऐसे में औद्योगिक संगठनों से प्राप्त सुझावों के आधार पर गीडा आवंटन के लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करेगा।
दरअसल, रेडीमेड गारमेंट के अलावा कई इंडस्ट्रियां ऐसी होती हैं जो प्लग एंड प्ले पर आधारित होती हैं। इनमें पैकेजिंग यूनिट्स, फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रानिक्स असेंबली, प्लास्टिक-मोल्डिंग यूनिट्स, एग्री-बेस्ड प्रोसेसिंग, सर्विस-रिपेयर यूनिट्स, लैब इक्विपमेंट, होम फर्निशिंग तथा टेक असेंबली जैसे यूनिट शामिल हैं। लघु उद्योग भारती का कहना है ये सेक्टर शीघ्र स्थापित होने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए बड़े स्तर पर रोजगार भी उपलब्ध कराते हैं।
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वहीं, चेंबर आफ इंडस्ट्रीज की ओर से फ्लैटेड फैक्ट्री को पांच वर्ष के किराए पर आवंटित करने या 90 वर्ष की लीज पर आवंटित करने का सुझाव दिया गया है। लीज की स्थिति में 30 प्रतिशत भुगतान के बाद शेष 70 प्रतिशत राशि को जमा करने के लिए कम से कम 10 वर्ष का समय देने और आवंटन या लीज देने की स्थिति में सभी तरह के प्रदूषण रहित उद्योगों को प्राथमिकता देने का भी सुझाव दिया है।
नए साल में फ्लैटेड फैक्ट्री बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगी। आवंटन प्रक्रिया के संबंध में औद्योगिक संगठनों से सुझाव मांगा गया है। सुझावों के आधार पर ही आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
-राम प्रकाश, एसीईओ, गीडा

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