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    यूपी-बिहार सीमा पर 6.25 करोड़ की लागत से बनेंगे पांच स्वागत द्वार, रात में रोशनी से होंगे जगमग

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Sat, 30 Apr 2022 10:50 AM (IST)

    पड़ोसी राज्य बिहार से आने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए प्रवेश द्वार पर स्लोगन भी लिखे जांएगे। वहीं सोलर लाइट के जरिये रात में रोशनी से द्वार जगमगाए ...और पढ़ें

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    यूपी-बिहार सीमा पर 6.25 करोड़ की लागत से बनेंगे पांच स्वागत द्वार। (सांकेतिक तस्वीर)

    गोरखपुर, जागरण टीम। यूपी-बिहार सीमा पर 6.25 करोड़ की लागत से पांच भव्य स्वागत प्रवेश द्वार बनाने की तैयारी है। द्वार पर पड़ोसी राज्य से आने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए स्लोगन भी लिखे जांएगे। सोलर लाइट से रात में रोशनी से जगमगाएंगे। टूलेन व फोरलेन पर अलग-अलग डिजाइन के द्वार बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री की तरफ से दोनों लेन पर अलग-अलग डिजाइन अनुमोदित की गई है।

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    स्वागत द्वार के लिए चिन्हित हुआ ये मार्ग: बिहार प्रांत को जाने वाली लोक निर्माण विभाग की पांच टूलेन को इसके लिए चिह्नित किया गया है, जिसमें देवरिया के सलेमपुर-मझौलीराज-मैरवा, सिरसिया-प्रतापपुर-मैरवा, लार-चनुकी-भाटपाररानी-भिंगारी, पकड़ी-बंगरा-बंगरूआ-मिश्रौली मार्ग, देवरिया-कसया मार्ग से पिपरपाती-पड़री मल्ल-रावतपार-बैकुंठपुर होते हुए मधवापुर मार्ग शामिल है। प्रत्येक द्वार की लागत सवा करोड़ रुपये आएगी। लोक निर्माण विभाग के अनु सचिव राजेश कुमार पांडेय ने एक माह पूर्व द्वार निर्माण व प्रकाश की व्यवस्था के संबंध में प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर अनुमोदित डिजाइन व ड्राइंग की प्रति उपलब्ध कराया। जिसके अनुसार नया एस्टीमेट तैयार कराकर प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

    एनएच की वजह से रामजानकी मार्ग पर द्वार बनाने में फंसा पेच: लोक निर्माण विभाग के अधिकारी रामजानकी मार्ग के मेहरौना सीमा पर द्वार निर्माण के लिए दिलचस्पी दिखा रहे थे, लेकिन एनएच के अधीन होने के कारण द्वार बनाने में दुविधा है। अधिकारियों की मानें तो रामजानकी मार्ग पर मेहरौना से धनौती रेलवे ढाला तक फोरलेन बनाने की तैयारी है। जिसके कारण इसका अलग एलाइनमेंट तैयार किया गया है। इसलिए द्वार बनाने में पेच है।

    अधिकारी बोले: लोक निर्माण विभाग अधीक्षण अभियंता जीएस वर्मा ने बताया कि शासन की तरफ से पांच द्वार निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए स्थान चिह्नित करने का कार्य चल रहा है। उपलब्ध भूमि के अनुसार एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। प्रत्येक की लागत सवा करोड़ आएगी। द्वार को प्रकाश व्यवस्था से भी सुसज्जित किया जाएगा।