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    Gorakhpur Factory Fire: बस्ती-देवरिया से बुलानी पड़ीं फायर ब्रिगेड, गीडा में देर शाम तक गूंजता रहा सायरन

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 07:20 PM (IST)

    गोरखपुर के गीडा औद्योगिक क्षेत्र में एक ब्रान आयल फैक्ट्री में भीषण आग लगने से दहशत फैल गई। आग की लपटें दूर तक महसूस की गईं। फैक्ट्री का फायर सिस्टम फेल हो गया। बस्ती, देवरिया और संतकबीरनगर से दमकलें बुलानी पड़ीं। प्रशासन ने एंबुलेंस सेवा को अलर्ट पर रखा और औद्योगिक क्षेत्र को सील कर दिया।

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    टैंक फटने की आशंका पर अफसरों ने संभाला मोर्चा. Jagran

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। ब्रान आयल फैक्ट्री में भड़की आग ने पूरे औद्योगिक क्षेत्र को दिनभर दहशत में डाले रखा। सायरन की आवाज, पाइप लाइन में भीतर से उठती धमाके जैसी गूंज, दमकलों की लगातार आवाजाही और सड़क पर जमा लोगों की भीड़ से पूरा इलाका किसी बड़े औद्योगिक हादसे के सन्नाटे और शोर से एक साथ भर गया। आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि लोग दूर खड़े होकर भी उसकी तपिश महसूस कर रहे थे। खतरनाक रसायन से भरी पाइप लाइन और उससे जुड़े टैंक के कारण किसी भी क्षण बड़े विस्फोट का डर बना हुआ था।

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    प्रशासन, पुलिस, फायर और टेक्निकल टीम सभी अपनी-अपनी जगह दौड़ते दिखाई दिए। भोर में आग शुरू हुई और देखते ही देखते उसने फैक्ट्री के एक बड़े हिस्से को घेर लिया। शुरुआती दौर में फैक्ट्री के कर्मियों ने पानी डालकर लपटों को रोकने की कोशिश की, लेकिन जब आग पाइप लाइन की ऊपरी परतों तक जा पहुंची, तब कर्मचारियों को पीछे हटना पड़ा। अंदर मौजूद केमिकल और गर्म पाइप लाइन ने आग को बेहद तेज गति दे दी। इसी बीच फायर सिस्टम पूरी तरह बेदम साबित हुआ। जो सिस्टम ऐसी यूनिटों में बैकअप के तौर पर सबसे पहली उम्मीद होता है, वह शुरू होते ही ठप हो गया। कर्मियों ने बाहर निकलते हुए बताया कि सिस्टम में पहले भी कई बार दिक्कत आती थी, और शुक्रवार भोर को जब इसे सबसे अधिक जरूरत थी, उसी समय यह जवाब दे गया।स्थानीय दमकलों के लिए यह आग साधारण नहीं थी।

    जैसे ही सूचना मिली, गोरखपुर की टीमें मौके के लिए निकल पड़ीं, लेकिन फैक्ट्री के भीतर जाते ही उनकी पानी की बौछारें आग से प्रभावित कई हिस्सों तक पहुंच नहीं सकी। दमकल कर्मी लगातार पाइप बदलते, दिशा बदलते, ऊंचाई मापते रहे, लेकिन आग की गर्मी और पाइप लाइन के अंदर से उठने वाली तेज लपटें हर रणनीति को बेअसर करती रहीं।तभी आगे से सूचना आई कि मुख्य स्टोरेज टैंक से जुड़ी लाइन ने भी गर्म होना शुरू कर दिया है। यह सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की दौड़भाग तेज हो गई। एडीजी, कमिश्नर, डीआइजी, डीएम, एसपी सिटी सहित तमाम अधिकारी एक-एक मिनट की स्थिति खुद देख रहे थे। मौके पर ही कंट्रोल रूम बनाकर हर टीम के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई।

    फायर कर्मियों को निर्देश दिए गए कि स्टोरेज टैंक को ठंडा रखना सबसे पहली प्राथमिकता हो।इस बीच आग की लपटें तेजी से उठने लगीं। हवा का रुख बदलते ही धुआं लखनऊ हाईवे की ओर फैल गया। सड़क पर चल रहे वाहन रुकने लगे। कई गाड़ियों में बैठे लोगों ने खिड़कियां बंद कर लीं। कुछ ने डर में गाड़ी ही मोड़ दी, जबकि कुछ लोग दूर खड़े होकर मोबाइल से वीडियो बनाने लगे। उनके चेहरों पर जिज्ञासा से ज्यादा भय था। आग का तापमान इतना अधिक था कि फैक्ट्री से काफी दूरी पर खड़े लोगों को भी गर्म हवा महसूस हो रही थी।

    जब स्थानीय दमकलें असफल होने लगीं, तब प्रशासन ने तुरंत बस्ती, देवरिया और संतकबीरनगर जिलों को मदद के लिए संदेश भेजा। लगभग आधा घंटे के भीतर एक के बाद एक दमकलें गीडा की ओर बढ़ने लगीं। सायरन बजाते हुए दमकलें हाईवे से जब गुजर रही थीं, तभी बड़े पैमाने पर वाहन रोककर लोग पूछने लगे कहीं विस्फोट तो नहीं हुआ? भीड़ में खड़े लोगों को किसी आधिकारिक सूचना का इंतजार था, मगर मौके से आ रही तस्वीरें हालात की गंभीरता खुद बयान कर रही थीं।दमकलों के साथ ही इंडियन ऑयल और एचपी गैस भराई संयंत्र की दमकलें भी पहुंचाई गईं।

    सभी को एक पंक्ति में लगाकर सबसे पहले पाइप लाइन के गर्म हिस्से पर दबाव बढ़ाया गया, फिर धीरे-धीरे पीछे टैंक को ठंडा करने के लिए व्यवस्था की गई। पानी की फुहारों के साथ भाप का गुबार ऊपर उठता रहा और हर कुछ मिनट में तेज आवाज होने पर फायर कर्मी सतर्क मुद्रा में दूर हटते नजर आए। इस आग ने आसपास के घरों में रहने वालों को भी हिलाकर रख दिया।फैक्ट्री के कर्मचारी जो सुबह से शाम तक इस अफरातफरी में लगे रहे, उनके चेहरों पर थकान और सदमे का मिश्रण साफ दिख रहा था। कुछ कर्मचारी बाहर बैठकर रोते हुए कह रहे थे अगर अंदर कोई होता तो शायद निकलना मुश्किल था।

    इंजीनियरिंग फर्म के विशेषज्ञ जो मशीनें इंस्टाल करने आए थे, देर शाम तक दिल्ली से पहुंचे। उन्होंने टैंक के तापमान की वास्तविक स्थिति जांची और बताया कि अगर पानी की मात्रा और फोर्स कम हुआ तो टैंक का तापमान फिर तेजी से बढ़ सकता है। इस चेतावनी के बाद दमकलें और तेज दबाव से पानी डालने लगीं।रात होते-होते पूरा औद्योगिक क्षेत्र सील कर दिया गया।किसी को भी बिना कारण घटनास्थल के आसपास नहीं जाने दिया जा रहा था।स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने जीवन में कभी इतनी भयानक औद्योगिक आग नहीं देखी।

    एंबुलेंस सेवा को अलर्ट पर रखा गया

    प्रशासन ने आसपास के अस्पतालों और एंबुलेंस सेवाओं को भी अलर्ट पर रखा है।किसी भी आकस्मिक स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराए जाने की तैयारी थी। फायर विभाग ने भी बैकअप टीम को शहर और सहजनवां मार्ग पर तैनात किया ताकि किसी अतिरिक्त स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके।एसपी सिटी और सीओ गीडा लगातार अपने जवानों को निर्देश देते रहे कि भीड़ घटनास्थल के पास न पहुंचे।