Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व ईडी व बेटे के खिलाफ दर्ज नहीं हुई FIR, फर्जी प्रमाण पत्र पर प्रवेश दिलाने का है लगा है आरोप

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 12:56 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के कोर्ट के आदेश के बावजूद, एम्स पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। डॉ. पाल पर बेटे को ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर एमडी सीट पर दाखिला दिलाने का आरोप है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    Hero Image

    मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सात नवंबर को एफआइआर दर्ज करने का दिया है आदेश

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बेटे की गलत तरीके से प्रवेश दिलाने के मामले में हटाए गए एम्स गोरखपुर व एम्स पटना के पूर्व कार्यकारी निदेशक (ईडी) डाॅ. जीके पाल के खिलाफ एम्स पुलिस ने एफआइआर नहीं दर्ज की है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट त्विषि श्रीवास्तव ने सात नवंबर को डा. जीके पाल और उनके बेटे डा. ओरोप्रकाश पाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए एम्स थाना पुलिस को आदेश दिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डाॅ. पाल ने बेटे का अन्य पिछड़ा वर्ग नान क्रीमीलेयर का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया था। इसके आधार पर बेटे का एम्स गोरखपुर के माइक्रोबायोलाजी विभाग में एमडी सीट पर प्रवेश कराया था। एम्स थाने के थानाध्यक्ष संजय मिश्र ने कहा कि कोर्ट का आदेश मिल गया है। अभी एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। मामले की जांच कराई जा रही है।

    यह हुई थी शिकायत
    कैंट थाना क्षेत्र के दिव्यनगर के आशुतोष कुमार मिश्र ने दायर वाद में बताया था कि तीन जनवरी 2024 से 27 सितंबर 2024 तक एम्स गोरखपुर के ईडी रहे डा. जीके पाल ने 30 अगस्त 2024 को बेटे डा. ओरोप्रकाश पाल का एमडी सीट पर प्रवेश कराया था। उस समय उन्होंने बेटे को अन्य पिछड़ा वर्ग नान क्रीमीलेयर का प्रमाणपत्र बनवाया था।

    इसके आधार पर प्रवेश हुआ था। जबकि डा. जीके पाल व उनकी पत्नी पार्वती पाल की सालाना सैलरी 80 लाख रुपये से ज्यादा थी। मामला स्वास्थ्य मंत्रालय पहुंचा तो डा. पाल को एम्स गोरखपुर से हटा दिया गया। बाद में उनको एम्स पटना से भी हटा दिया गया। वह वर्तमान में जिपमेर पुड्डुचेरी में तैनात हैं।