ई-गन्ना एप पर मिलेगी सभी जानकारी, अपडेट हो सकेंगे अभिलेख
महराजगंज जिले में ई- गन्ना मोबाइल एप को लेकर किसानों को जागरूक किया जाएगा। ऐसे में एक ही पोर्टल पर माेबाइल नंबर से लेकर अन्य अभिलेख अपडेट किया जाएगा। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए गन्ना विभाग ई- गन्ना एप के लिए लोगों को जागरूक करेगा।

महराजगंज, जागरण संवाददाता। कृषि प्रधान महराजगंज के गन्ना किसानों के लिए एक राहत की खबर है। तराई के इस बेल्ट में गन्ना सर्वे में किसानों को कोई दिक्कत न होने पाए। ऐसे में गन्ना विभाग ने सर्वे के अंतिम दौर में ई- गन्ना एप से मदद लेने का सुझाव दिया है। गन्ना विभाग ने कहा कि एप पर किसानों को सर्वे, बेसिक कोटा, खाता नंबर, कैलेंडर, सल्लाई आदि सभी जानकारी मिल जाएगी। ऐसे में किसानों को ई-गन्ना एप के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
किसानों की समस्या का होगा समाधान: जिला गन्ना अधिकारी जगदीश चंद्र यादव ने बताया कि गन्ना विभाग द्वारा किसानों की समस्याओं को देखते हुए ई- गन्ना एप लाया गया है। ऐसे में अब छोटे व सीमांत गन्ना किसानों को सर्वे, बेसिक कोटा, खाता नंबर, कैलेंडर, सप्लाई व भुगतान संबंधी घर बैठे मिल सकती है। लेकिन अभी भी जागरूकता के अभाव के कारण छोटे गन्ना किसानों को भागकर गन्ना विभाग आना पड़ रहा है। इस दौरान किसानों को गन्ना विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ता है। पर गन्ना विभाग किसानों को हर प्रकार की सूचना आनलाइन मुहैया कराने के लिए अब सर्वे में भी आगे आ गया है।
गन्ना विभाग के इस कदम से घुघली, गड़ौरा, ठूठीबारी, सिसवा, बृजमनगंज के गन्ना किसानों को किसी भी सूचना व शिकायत करने के लिए गन्ना अधिकारी का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा। किसानों को सर्वे संबंधी सूचना भी अब आनलाइन ही मिल जाएगी।
एक क्लिक पर मिलेगी सर्वे संबंधी सभी जानकारी: ई-गन्ना पर एक क्लिक पर किसान गन्ने से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। किसानों को सर्वेक्षण, बेसिक कोटा, सट्टा, गन्ना कैलेंडर, पर्ची, गन्ना मूल्य भुगतान संबंधी सूचनाओं को एक क्लिक करने पर घर बैठे मिल जाएगी। किसानों को इसके लिए ई-गन्ना प्रणाली पर क्लिक करने पर नाम, गांव, जिला व चीनी मिल का विवरण देना पड़ेगा।सर्वे में किसानों की समस्याओं को देखते हुए गन्ना विभाग ने अधिक से अधिक किसानों को ई-गन्ना एप का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया है। एप पर पहुंचने से महराजगंज के हजारों किसानों की विभिन्न समस्याओं का समाधान आनलाइन ही हो जाएगा।
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