ई-केवाईसी न कराने पर सम्मान निधि से वंचित होंगे किसान
ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि 31 मई तय की गई है। किसान सम्मान निधि में अपात्रों की छंटनी के लिए ई-केवाईसी (इंटरनेट नो योर कस्टमर) को पोर्टल पर भरना जरूरी कर दिया गया है। डुमरियागंज स्थित राजकीय बीज भंडार व कामन सर्विस सेंटर पर ई-केवाईसी भरी जा रही है। पहले की प्रक्रिया में मोबाइल नंबर का पंजीकरण जरूरी था और उसी के ओटीपी से पोर्टल पर ई-केवाईसी भरी जा रही थी। बीच में सर्वर की समस्या आड़े आई तो बायोमैट्रिक पंजीयन जरूरी कर दिया गया। किसानों को सहूलियत दी गई कि वह अंगूठे का निशान देकर ई-केवाईसी भरवा लें। इसके बाद भी किसान लापरवाही बरत रहे हैं।
सिद्धार्थनगर: ई-केवाईसी कराने में तहसील क्षेत्र के किसान लापरवाही बरत रहे हैं। अभी तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले कुल किसानों में से 75 फीसदी ने ही ई-केवाईसी कराई है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिना ई-केवाईसी के किसानों को सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया जाएगा।
ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि 31 मई तय की गई है। किसान सम्मान निधि में अपात्रों की छंटनी के लिए ई-केवाईसी (इंटरनेट नो योर कस्टमर) को पोर्टल पर भरना जरूरी कर दिया गया है। डुमरियागंज स्थित राजकीय बीज भंडार व कामन सर्विस सेंटर पर ई-केवाईसी भरी जा रही है। पहले की प्रक्रिया में मोबाइल नंबर का पंजीकरण जरूरी था और उसी के ओटीपी से पोर्टल पर ई-केवाईसी भरी जा रही थी। बीच में सर्वर की समस्या आड़े आई तो बायोमैट्रिक पंजीयन जरूरी कर दिया गया। किसानों को सहूलियत दी गई कि वह अंगूठे का निशान देकर ई-केवाईसी भरवा लें। इसके बाद भी किसान लापरवाही बरत रहे हैं। तहसील क्षेत्र में 53000 किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं, जबकि ई-केवाईसी कराने वाले किसानों की संख्या 75 फीसदी ही है। राजकीय कृषि गोदाम डुमरियागंज के प्रभारी विजय प्रकाश पांडेय का कहना है कि पीएम सम्मान निधि का लाभ ले रहे सभी किसान ई-केवाईसी जरूर करा लें। ऐसा न करने वाले किसानों की सम्मान निधि रोक दी जाएगी। इसके लिए पात्रों का सर्वे करने वाली टीम गांव-गांव लोगों को जागरूक भी कर रही है।
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ऐसे कराएं ई केवाईसी
किसानों को कामन सर्विस सेंटर पर जाना होगा। वहां संचालक प्रधानमंत्री किसान निधि पोर्टल पर जाकर जाकर ई-केवाईसी का विकल्प चुनेगा। इस पर संबंधित किसान को अपना आधार नंबर भरना होगा। इसे भरने के बाद किसान के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगी। पोर्टल पर ओटीपी भरकर सबमिट किया जाएगा। जनसेवा केंद्र संचालक को इसके लिए 20 रुपये शुल्क देना होगा।
-सीपी सिंह, जिला कृषि अधिकारी