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    फेसबुक पर बनी दोस्त ने निवेश का दिया झांसा, युवक को लगाया 11.15 लाख का चूना

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 03:07 PM (IST)

    एक प्राइवेट कर्मचारी को फेसबुक पर बनी दोस्त ने निवेश का लालच देकर 11.15 लाख रुपये का चूना लगाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और जालसाजों के बैंक खातों की डिटेल निकलवाई जा रही है ताकि ठगों तक पहुंचा जा सके। पुलिस का कहना है कि साइबर ठग जल्द ही गिरफ्त में होंगे।

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    सिंघड़िया सरवन नगर निवासी प्राइवेटकर्मी के साथ हुई साइबर ठगी

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। इंटरनेट मीडिया के जरिये ठगी का एक नया मामला सामने आया है। कैंट क्षेत्र के सिंघड़िया सरवन नगर निवासी प्राइवेटकर्मी राजेश कुमार सिंह से फेसबुक पर दोस्ती करने के बाद साइबर ठगों ने निवेश के नाम पर 11.15 लाख रुपये हड़प लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया है।

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    पुलिस अब जालसाजों के बैंक खातों और ट्रांजेक्शन की जांच में जुटी है। राजेश कुमार सिंह ने बताया कि 29 जून को उनके फेसबुक अकाउंट पर नाओमी ग्रांट नाम की एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। महिला ने खुद को लंदन निवासी और बेंगलुरु स्थित टीसीएस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर बताया।

    सामान्य बातचीत के कुछ दिन बाद उसने कहा कि वह एशियन मार्केट सिक्यूरिटास प्राइवेट लिमिटेड (एएमएसपीएल) नामक कंपनी में निवेश कर रोजाना 15 से 20 प्रतिशत तक मुनाफा कमा रही है। उसने राजेश को भरोसा दिलाने के लिए अपने मुनाफे के स्क्रीनशाट भी भेजने शुरू कर दिए।

    कुछ दिन बाद उसने राजेश को अपने निवेश सलाहकार नितीश झा से बात करने की सलाह दी। नितीश ने सेबी की वेबसाइट का एक लिंक भेजकर कंपनी के पंजीकरण की पुष्टि करने को कहा। लिंक सही लगने पर राजेश ने उस पर विश्वास कर लिया और कंपनी की वेबसाइट पर आनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोल लिया। इसके बाद उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें कई सदस्य रोजाना निवेश और मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशाट साझा करते थे।

    राजेश ने झांसे में आकर छह जुलाई से 18 जुलाई 2025 के बीच कुल 11.15 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने बाद में सब्या इंफ्रा एंड लाजिस्टिक्स नामक कंपनी के आइपीओ में निवेश का लालच दिया और डैशबोर्ड पर 58 लाख रुपये का फर्जी शेयर अलाटमेंट दिखाया।

    जब राजेश ने पैसे निकालने की कोशिश की तो उनसे अतिरिक्त भुगतान मांगा गया। इनकार करने पर उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया और सभी नंबर ब्लाक कर दिए गए। पीड़ित की तहरीर पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस जालसाजों के बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच कर रही है।


    प्राइवेटकर्मी की तहरीर पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जालसाजों के बैंक खातों की डिटेल निकलवाया जा रहा है ताकि ठगों तक पहुंचा जा सके। जल्द ही साइबर ठग पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

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