चार पीढि़यों से करा रहे बिदके हाथियों को शांत, हो चुकी हैं दस मौतें
हाथियों के हमले में दस लोगों की जान जाने के बाद गोरखपुर में एक ऐसा परिवार है जो चार पुश्तों से बिदके हाथियों को शांत करा रहा है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:16 AM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। जनपद के उरुवा थाना क्षेत्र के ग्राम जगदीशपुर (समदपुर) में बिदके हाथी द्वारा घायल की गयी महावत की पत्नी की जिला अस्पताल में मौत से परिवार सदमे में है। ऐसी घटना इन महावतों के लिए कोई नई बात नहीं है। समदपुर के महावतों की यह चौथी पीढ़ी है जो हाथियों की देखरेख कर रही है। दोष मुहम्मद, राज अली, सफी मुहम्मद, वंशी मोहम्मद, नबी मुहम्मद, चाद सहित कुल 10 लोगों की हाथी के हमले से अब तक मौत हो चुकी है, जिसके बाद भी ये हाथियों की देखरेख करते हैं।
हाथी के हमले से घायल महिला की हुई मौत
गुरुवार को बिदके हाथी ने महावत नईम की पत्नी जैनब 43 वर्ष को घायल कर दिया था, जिसकी मौत देर रात हो गई। इसके बाद से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे के वक्त मौजूद महावत ने बताया कि अगर वह घर में भाग गई होती तो आज जिंदा होती। जिसके परिवार में छह लड़के और दो लड़कियां हैं।
खुद नईम भी मौत से बाल-बाल बच चुका है
इस समय हाथियों की देखरेख नईम ही करता है। एक बार वह हाथी लेकर बारानगर गया था, जहां वह बिदक गया और उसने नईम पर हमला कर दिया। इस हमले में हाथी ने महावत की लुंगी पकड़ लिया। महावत किस्मत का धनी था कि लुंगी समय रहते खुल गई और वह बचकर भागने में कामयाब रहा।
एक बीघा मिलती है जमीन
महावत अजीज खान कहते हैं कि पहले हम लोग भी हाथियों की देख रेख करते थे, लेकिन मेरे दो भाई भी महावत थे जिन्हें हाथियों ने मार डाला। इसके बाद से हमने महावत का काम छोड़ दिया। जब उनसे पूछा गया कि हाथी की देखरेख के लिए मालिक द्वारा क्या मिलता है? तो उन्होंने बताया कि मात्र एक बीघा जमीन मिलती है, उसके अलावा कुछ नहीं।
लोगों ने की पूजा-अर्चना
गुरुवार की सुबह मृत हाथी के पास लोगों का जमावड़ा लगा रहा। जहां महिलाओं द्वारा पैसा चढ़ाना व पूजा आदि किया गया।
महावतों को नहीं है जानकारी : हेमंत कुमार
मुख्य वन संरक्षक हेमंत कुमार कहते हैं कि हाथी मिलन के लिए पूरी तरह मदमस्त हो जाते हैं। यहां के महावतों को उन्हें शांत करने की जानकारी नहीं है। महावत व मालिकों की एक मीटिंग रख ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें बिजली विभाग की भी लापरवाही है। बिजली के तार ढीले न रहते तो हाथी उस तक नही पहुंच पाता और उसकी जान बच जाती। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को शिकायत की जाएगी।
हाथी के हमले से घायल महिला की हुई मौत
गुरुवार को बिदके हाथी ने महावत नईम की पत्नी जैनब 43 वर्ष को घायल कर दिया था, जिसकी मौत देर रात हो गई। इसके बाद से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे के वक्त मौजूद महावत ने बताया कि अगर वह घर में भाग गई होती तो आज जिंदा होती। जिसके परिवार में छह लड़के और दो लड़कियां हैं।
खुद नईम भी मौत से बाल-बाल बच चुका है
इस समय हाथियों की देखरेख नईम ही करता है। एक बार वह हाथी लेकर बारानगर गया था, जहां वह बिदक गया और उसने नईम पर हमला कर दिया। इस हमले में हाथी ने महावत की लुंगी पकड़ लिया। महावत किस्मत का धनी था कि लुंगी समय रहते खुल गई और वह बचकर भागने में कामयाब रहा।
एक बीघा मिलती है जमीन
महावत अजीज खान कहते हैं कि पहले हम लोग भी हाथियों की देख रेख करते थे, लेकिन मेरे दो भाई भी महावत थे जिन्हें हाथियों ने मार डाला। इसके बाद से हमने महावत का काम छोड़ दिया। जब उनसे पूछा गया कि हाथी की देखरेख के लिए मालिक द्वारा क्या मिलता है? तो उन्होंने बताया कि मात्र एक बीघा जमीन मिलती है, उसके अलावा कुछ नहीं।
लोगों ने की पूजा-अर्चना
गुरुवार की सुबह मृत हाथी के पास लोगों का जमावड़ा लगा रहा। जहां महिलाओं द्वारा पैसा चढ़ाना व पूजा आदि किया गया।
महावतों को नहीं है जानकारी : हेमंत कुमार
मुख्य वन संरक्षक हेमंत कुमार कहते हैं कि हाथी मिलन के लिए पूरी तरह मदमस्त हो जाते हैं। यहां के महावतों को उन्हें शांत करने की जानकारी नहीं है। महावत व मालिकों की एक मीटिंग रख ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें बिजली विभाग की भी लापरवाही है। बिजली के तार ढीले न रहते तो हाथी उस तक नही पहुंच पाता और उसकी जान बच जाती। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को शिकायत की जाएगी।
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