बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, सस्ती हुई बिजली - वापस होने लगे उपभोक्ताओं से अधिक वसूले गए रुपये
Electricity Rate in UP उत्तर प्रदेश में बिजली बिजली का नया टैरिफ लागू होने के बाद भी पुराने टैरिफ पर ही अगस्त माह का बिल बना दिया गया। मामला प्रकाश में आने के बाद अब बिल को दुरुस्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर खूनीपुर मोहल्ले के मो. रिजवी हर महीने समय से बिजली बिल का भुगतान करते हैं। सितंबर महीने में मीटर रीडर ने बिल दिया तो इसमें टैरिफ सब्सिडी के रूप में 148 रुपये कम किए गए थे। कुल बिल 1175 रुपये का बना था लेकिन जमा करने थे सिर्फ 1027 रुपये। बिल में पहली बार सब्सिडी मिलने से मो. रिजवी को खुशी तो हुई लेकिन वह कारण भी जान लेना चाहते थे।
बिजली निगम में पांच अगस्त को लागू हुआ है नया रेट
अभियंताओं से बात की तो पता चला कि पांच अगस्त को प्रदेश में लागू बिजली के नए टैरिफ के अनुसार उनका बिल नहीं बना था। पुराने टैरिफ पर बिल बना था इसलिए नए बिल में ज्यादा ली गई राशि को कम किया जा रहा है। सिर्फ मो. रिजवी को ही बिजली निगम ने रुपये वापस नहीं किए हैं, महानगर में हजारों उपभोक्ताओं से ज्यादा लिए गए रुपये वापस किए गए हैं। पांच अगस्त को लागू नए टैरिफ में स्लैब की दर 80 से 59 रुपये की गई है।
अब इतना हो गया रेट
पांच सौ यूनिट से ज्यादा पर प्रति यूनिट 6.5 रुपये देने हैं साथ ही पांच सौ यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वालों को प्रति यूनिट सात रुपये की जगह 6.50 रुपये देने पड़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तीन सौ यूनिट से ज्यादा खपत करने वाले उपभोक्ता छह रुपये की जगह अब 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि पुराने टैरिफ के आधार पर बने नए बिल में रुपये कम किए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं के हित में निगम लगातार काम कर रहा है।
आज से विद्युत समाधान सप्ताह, 12 घंटे उपकेंद्रों पर रहेंगे अभियंता
बिजली निगम में 12 सितंबर से विद्युत समाधान सप्ताह की शुरुआत हो रही है। सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक उपकेंद्रों और कार्यालयों में शिविर लगाकर बिजली निगम के अभियंता और कर्मचारी उपभोक्ताओं की शिकायत सुनेंगे और उनका समाधान कराएंगे। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और चेयरमैन एम देवराज के निर्देश पर शिविर की तैयारियों में रविवार देर रात तक निगम के अभियंता जुटे रहे। अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि 19 सितंबर तक चलने वाले विद्युत समाधान सप्ताह में उपभोक्ता अपने नजदीक के उपकेंद्र या कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कनेक्शन, बिल संशोधन, कटे हुए कनेक्शनों को दोबारा जोड़ने, नोटिस, लोड, खराब मीटर, आपूर्ति मिलने में दिक्कत, लो वोल्टेज, बार- बार कटौती आदि की शिकायत की जा सकती है। महानगर में पार्षद और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधान को जोड़ा गया है।
बिजली जाने का समय तय, आने का नहीं
पिपराइच के नइयापार उपकेंद्र से जुड़े इलाकों में रविवार सुबह 11 बजे बिजली गुल हो गई। उपभोक्ताओं ने उपकेंद्र पर फोन किया तो बताया गया कि पेड़ की डाल काटने के लिए शटडाउन लिया गया है, तीन बजे तक बिजली आ जाएगी। शाम 5:30 बजे तक बिजली नहीं आयी तो उपभोक्ताओं ने अवर अभियंता रविंद्र चौबे को फोन किया तो उन्होंने साफ कह दिया कि, मुझे नहीं पता कब बिजली आएगी, काम पूरा हो जाएगा तो बिजली आ जाएगी। यही हाल पिपराइच उपकेंद्र से जुड़े इलाकों का भी रहा।
किसी वाट्सएप ग्रुप में डाल देते हैं सूचना
उपभोक्ताओं का कहना है कि घोषित कटौती के बाद घंटों की अघोषित कटौती कोई एक दिन की बात नहीं है। जब भी बिजली कटौती की जाती है तो सूचना तीन-चार घंटे की दी जाती है लेकिन बिजली आती है पांच से छह घंटे बाद। महानगर में तो यह सूचना अखबारों के माध्यम से मिल जाती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की सूचना को अवर अभियंता किसी भी वाट्सएप ग्रुप में डाल देते हैं। अब सभी लोग तो वाट्सएप ग्रुपों से जुड़े नहीं होते, इसलिए सूचना भी नहीं मिल पाती है।
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