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    मियावाकी वन के संरक्षण का प्रयास हुआ तेज

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 12 Jul 2022 11:21 PM (IST)

    तहसील प्रशासन नपा एवं वन विभाग ने शुरू किया प्रयास पंपिग सेट से पौधों की जड़ में पानी देने का कार्य शुरू ...और पढ़ें

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    मियावाकी वन के संरक्षण का प्रयास हुआ तेज

    मियावाकी वन के संरक्षण का प्रयास हुआ तेज

    कुशीनगर: कुशीनगर के बुद्धा घाट पर हिरण्यवती नदी के किनारे मियावाकी वन क्षेत्र में लगाए गए पौधों के संरक्षण को लेकर मंगलवार को तहसील, नगरपालिका और वन विभाग ने सामूहिक प्रयास तेज कर दिया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली पर पर्यटन को बढ़ावा देने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए 12 व 21 जून को दो चरण में 8500 पौधे रोपित किए गए थे। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी तेज धूप में उचित सिंचाई नहीं होने के कारण पौधों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा। इसकी खबर दैनिक जागरण ने कुशीनगर में चुनौती बनी पौधों की सुरक्षा, शीर्षक से 12 जुलाई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर छपते ही पौधों के संरक्षण को लेकर तेजी आ गई। एसडीएम गोपाल शर्मा, नपा के ईओ प्रेमशंकर गुप्त एवं वन क्षेत्राधिकारी सत्येंद्र यादव ने सुबह स्थलीय निरीक्षण किया और तत्काल सिंचाई करने का निर्णय लिया गया। वन विभाग मेड़ बनवाकर हिरण्यवती नदी में लगे पंपिंग सेट से वन क्षेत्र में पानी चलवा रहा है। पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। यहां ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रहे पूर्ण बोरा ने नदी क्षेत्र को हरा-भरा कर प्राकृतिक सौंदर्य देने को लेकर यह योजना बनाई थी। पौधों के संरक्षण को लेकर पहल शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने दैनिक जागरण की प्रशंसा की है। एसडीएम कसया गोपाल शर्मा ने बताया कि मियावाकी वन क्षेत्र में वन विभाग पूर्व में भी टैंकर से सिंचाई करता रहा है। सुबह निरीक्षण के दौरान जमीन में पर्याप्त नमी पाई गई। बावजूद इसके गर्मी को देखते हुए मेड़ बनाकर पौधों की जड़ को पानी से लबालब भरने का निर्णय लिया गया। वन में रोपित पौधों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

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