Durga Saptshati: पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित होगी दुर्गा सप्तशती, छह भाषाओं में प्रकाशित करेगा गीताप्रेस
Durga Saptshati दुर्गा सप्तशती अब आर्ट पेपर पर प्रकाशित होगी। गीता प्रेस इसकी तैयारी करने जा रहा है। आर्ट पेपर पर प्रकाशित होने वाली यह गीता प्रेस की तीसरी पुस्तक होगी। दुर्गा सप्तशती की प्रतिवर्ष विभिन्न भाषाओं में चार लाख से अधिक प्रतियों की बिक्री होती है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गीताप्रेस ने दुर्गा सप्तशती को आर्ट पेपर पर प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। चार रंगों में यह ग्रंथाकार पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। पहले संस्करण में पांच हजार प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी। शारदीय नवरात्र के पूर्व इस पुस्तक को पाठकों को उपलब्ध कराने की योजना है।
चार रंगों में चित्रों के साथ होगी ग्रंथाकार पुस्तक की छपाई
यह गीताप्रेस से आर्ट पेपर पर प्रकाशित होने वाली यह तीसरी पुस्तक होगी। पिछले साल अप्रैल में गीता का इसी पेपर पर प्रकाशन हो चुका है। उसकी मांग को देखते हुए प्रबंधन ने श्रीरामचरितमानस का प्रकाशन शुरू कर दिया है जो अंतिम चरण में है। अब दुर्गा सप्तशती को आर्ट पेपर पर प्रकाशित कर शारदीय नवरात्र के पूर्व पाठकों को उपलब्ध कराने की योजना है। अभी इसकी कीमत व पेज तय नहीं हुए हैं।
आर्ट पेपर पर पहले केवल चित्र प्रकाशित होते थे
आर्ट पेपर पर पहले केवल चित्र प्रकाशित होते थे और पुस्तकें साधारण पेपर पर। पुस्तकों के प्रकाशन के बाद चित्र उनमें अलग से जोड़े जाते थे। आर्ट पेपर पर अब पुस्तक के साथ चित्र भी प्रकाशित होते हैं। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि दुर्गा सप्तशती में कितने चित्र शामिल किए जाएंगे। प्रकाशन 15 दिन बाद शुरू करने की योजना है।
प्रतिवर्ष चार लाख से अधिक बिकती है दुर्गा सप्तशती
दुर्गा सप्तशती गीताप्रेस की उन पुस्तकोें में शामिल है, जो सर्वाधिक बिकती हैं। प्रतिवर्ष विभिन्न भाषाओं में इनकी चार लाख से अधिक प्रतियों की बिक्री होती है। पिछले साल 4.67 लाख पुस्तकें बिकी थीं। इनमें सर्वाधिक 4.25 लाख संख्या संस्कृत-हिंदी पुस्तकों की है।
पिछले साल बिकीं विभिन्न भाषाओं में दुर्गा सप्तशती की संख्या
संस्कृत-हिंदी- 425000
तेलुगु- 9000
नेपाली- 3000
बंगला- 5000
गुजराती- 4000
उड़िया- 12000
पहली बार पिछले साल आर्ट पेपर पर गीता का प्रकाशन किया गया था। उसकी मांग इतनी ज्यादा है कि अभी तक छह संस्करण प्रकाशित करने पड़े। इसे देखते हुए श्रीरामचरितमानस का प्रकाशन शुरू किया गया। जो लगभग पूरा हो चुका है। अब दुर्गा सप्तशती के प्रकाशन का निर्णय लिया गया है। शारदीय नवरात्र के पूर्व पाठकों को यह पुस्तक उपलब्ध कराने की योजना है। - लालमणि तिवारी, प्रबंधक, गीताप्रेस।
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