राप्ती नदी में डॉल्फिन को उछलते देख रोमांचित हुए लोग, इनकी मौजूदगी को शुभ संकेत मान रहा वन विभाग
गंगा व उसकी सहायक नदियों में डाल्फिन की गिनती हो इसके लिए वन विभाग प्रस्ताव भी भेजेगा। वहीं वन विभाग डाल्फिन की मौजूदगी को शुभ संकेत मान रहा है। उसका कहना है कि राप्ती का जल निर्मल होगा।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गंगा व उसकी सहायक नदियों में देखी जाने वाली डाल्फिन गोरखपुर में भी देखी गई। इसे शुभ संकेत माना जा रहा है। वन विभाग का मानना है कि डाल्फिन की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि राप्ती का जल पहले की तुलना में शुद्ध हुआ है। डाल्फिन खुद भी जल को शुद्ध करने का काम करती है। उनकी मौजूदगी से यह साफ है कि राप्ती का जल पहले से अधिक निर्मल होगा। राप्ती नदी को साफ करने के लिए चल रहे बायोरेमिडिएशन का असर नदी पर नजर आने लगा है।
निर्मल होगा राप्ती का जल: राजघाट पुल से पश्चिम की तरफ राप्ती नदी में राष्ट्रीय जलीय जीव डाल्फिन देखी गई। डाल्फिन को नदी उछलते देख लोग रोमांचित भी हुए। इसकी सूचना वन विभाग को मिली तो विभाग का कहना है डाल्फिन की मौजूदगी जनपदवासियों के लिए शुभ संकेत हैं। ये मुख्यतः गंगा व उसकी सहायक नदियों में पायी जाती है। विभाग का मानना है डाल्फिन कुनबे में रहने वाला जलीव जीव है। डाल्फिन दिखने का तात्पर्य है कि वहां 10 से 15 की संख्या में डाल्फिन होंगी। संभव है कि उनकी संख्या इससे भी अधिक हो।
डाल्फिन मछली नहीं स्तनधारी जलीव जीव: वन विभाग के मुताबिक डाल्फिन मछली नहीं, बल्कि स्तनधारी जलीव जीव है। सरकार डाल्फिन को संरक्षित करने के लिए गंगा व उसकी सहायक नदियों में डाल्फिन की गणना करा रही है। सरकार की नमामि गंगे परियोजना से भी डाल्फिन को संरक्षण मिल रहा है। इस परियोजना के तहत गोरखपुर में भी काम चल रहा है।
मत्स्य विभाग भी लेगा डाल्फिन की जानकारी: राप्ती में डाल्फिन मिलने की सूचना पर मत्स्य विभाग ने हैरानी जतायी है। जिला मत्स्य अधिकारी बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि ऐसा पहली बार सुनने में आया है कि गोरखपुर की राप्ती में डाल्फिन हैं। मंगलवार को संबंधित क्षेत्र की जानकारी लेकर उसे संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। ताकि कोई नदी में जाल आदि डालकर डाल्फिन को हानि न पहुंचा सके।
अधिकारी बोले: डीएफओ विकास यादव ने बताया कि डाल्फिन पर्यावरण के लिए अत्यंत हितकारी जीव है। अपनी मौजूदगी से डाल्फिन ने बड़ा संदेश दिया है कि राप्ती का पानी शुद्ध हुआ है। नदी का जल स्वच्छ करने के लिए सरकार की तरफ से जो भी प्रयास किये जा रहे थे, वह सफल हुआ है। डाल्फिन के लिए एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। उसकी गणना कराई जाएगी। ताकि उसे संरक्षित किया जा सके।
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