बीच में न छोड़ें अवसाद की दवा, पूरी तरह ठीक हो सकता है ये रोग Gorakhpur News
अवसाद का इलाज उपलब्ध है। बस सतर्कता यह बरतनी है कि बीच में दवा न छोड़ें। इससे बीमारी गंभीर हो सकती है और लंबे समय तक दवा खानी पड़ सकती है। तनाव से इस रोग का फैलाव तेजी से हो रहा है।

गोरखपुर, जेएनएन : अवसाद का इलाज उपलब्ध है। बस सतर्कता यह बरतनी है कि बीच में दवा न छोड़ें। इससे बीमारी गंभीर हो सकती है और लंबे समय तक दवा खानी पड़ सकती है। भागदौड़ की जिंदगी में होने वाले तनाव से इस रोग का फैलाव तेजी से हो रहा है। इससे बचने के लिए सुबह-शाम टहलें। व्यायाम या योगाभ्यास करें। रुचिकर व सृजनात्मक कार्यों में समय व्यतीत करें। मन को प्रसन्न रखें। अवसाद हमेशा दूर रहेगा। यह सलाह जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अमित शाही ने दी है। वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'हैलो डाक्टर' में मौजूद थे। लोगों ने फोन पर उनसे तनाव, अनिद्रा व अन्य बीमारियों के संबंध में सवाल पूछे। डा.शाही ने सभी को उचित परामर्श देकर संतुष्ट किया। प्रस्तुत हैं सवाल-जवाब।
सवाल- हमेशा तनाव रहता है। लगता है जैसे मस्तिष्क में कुछ चल रहा है।
जवाब- आधा घंटा तेज टहलिए। दूध व फलों का सेवन करें। पर्याप्त नींद लें।
सवाल- सिर में हल्का दर्द बना रहता है। घबराहट होती है।
जवाब- तनाव की वजह से ऐसा हो सकता है। ऐसा कोई काम न करें या सोचें जो तनाव दे। जिला अस्पताल में सोमवार, बुधवार या शुक्रवार को आकर दिखा लें।
सवाल- पत्नी को घबराहट होती है और अकारण संदेह करती हैं।
जवाब- डेरवा स्वास्थ्य केंद्र पर मैं हर माह के पहले गुरुवार को बैठता हूं। वहां या जिला अस्पताल आकर दिखा लें।
सवाल- रात को नींद नहीं आती है, बेचैनी रहती है।
जवाब- दिन में सोने की बजाय अपना समय रचनात्मक कार्यों में लगाएं, जिनसे आपको आनंद मिलता हो।
सवाल- अनिद्रा से परेशान हूं।
जवाब- दिन में न सोएं। रात 10 बजे के बाद मोबाइल, टीबी या इंटरनेट का उपयोग न करें।
सवाल- पत्नी को सिर व सीने में दर्द रहता है। सांस फूलती है, कभी-कभी उल्टी हो जाती है।
जवाब- माइग्रेन के लक्षण दिख रहे हैं। जिला अस्पताल में आकर दिखा लें।
सवाल- दो साल से रात में नींद नहीं आती है। चिड़चिड़ापन बना रहता है। घबराहट होती है।
जवाब- रुचिकर कार्य करें। दूध व फलों को भोजन में शामिल करें। सुबह टहलें, योग-व्यायाम करें। आराम न मिले तो जिला अस्पताल में दिखा लें।
सवाल- अवसाद की दवा कितने दिन चलती है?
जवाब- पहली बार अवसाद हुआ है तो दो माह में ठीक हो जाता है, लेकिन दवा लगभग नौ माह चलती है। इस बीच दवा छोडऩी नहीं चाहिए। दोबारा होगा तो दवा लंबी चल सकती है।
सवाल- मेरा बच्चा ढाई साल का है। 19 माह तक बोलता था। अचानक बोलना बंद कर दिया है।
जवाब- उसे लेकर जिला अस्पताल आ जाएं। देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सवाल- पढ़ाई में मन नहीं लगता है। बहुत कोशिश के बाद भी कुछ याद नहीं होता है।
जवाब- जब पढ़ाई में मन नहीं लगेगा तो याद भी नहीं होगा। पढ़ने या सुनने के बाद उसे अपने मन से लिखें भी। अवसाद के लक्षण
-नींद न आना या अधिक नींद आना
-भूख न लगना या अधिक भूख लगना
-वजन बढ़ना या कम होना
-किसी काम में मन न लगना
-हमेशा उदास रहना, किसी से बात न करना
-लोगों के बीच उठने-बैठने से बचना
-हमेशा थकान महसूस करना
-आत्महत्या के विचार आना।
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