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    Diwali 2022: रोशनी से नहाई गोरक्षनगरी, जली फुलझड़ियां तो मुस्कराई शाम- गूंजती रही पटाखों की आवाज

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Tue, 25 Oct 2022 12:23 AM (IST)

    Diwali 2022 दीपावली पर गोरक्षनगरी गोरखपुर रोशनी से नहा उठी। शाम होते ही फुलड़ियां जलनी शुरू हो गई जो देर रात तक जारी रही। देर रात तक पटाखे फूटते रहे। लोगों ने लक्ष्मी गणेश की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की।

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    Diwali 2022: दीपावली पर रोशनी से नहाया गोरखपुर शहर। - जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीपोत्सव पर्व पर सोमवार को महानगर सतरंगी रोशनी में नहा रहा था। पूजन-अर्चन के बाद दीप जलाए गए। लोगों ने एक-दूसरे को दीपावली की बधाइयां दी। बच्चों ने फुलझड़ियां जलाई तो शाम मुस्कराने लगी। देर रात तक पटाखों की आवाज गूंजती रही। उत्सव व उल्लास का माहौल था। लंका विजय के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन पर मनाई गई खुशी का प्रतीक यह त्योहार पूरी आस्था व श्रद्धा के साथ मनाया गया। घरों में आदि देव भगवान गणेश व धन की देवी मां लक्ष्मी का आवाहन कर उनकी विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान बच्चों ने कमर में घंटी बांधकर नृत्य किया। घर, देव स्थानों, कुआं, तालाब व बावलियों पर दीप जलाए गए। आकाश में एक साथ सैकड़ों राकेट व फुलझड़ियां माहौल को खुशनुमा बना रही थीं।

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    गणेश- लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के बाद घरों, देवस्थानों आदि पर जलाए गए दीप

    हर घर, दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व होटलों को रंग-रोगन किया गया था। विद्युत व कागज की झालरों से सजाकर आकर्षक बनाया गया था। घरों, दुकानों व होटलों आदि पर लटकते विविध रंगों के छोटे-छोटे सैकड़ों बल्ब क्रमश: जल-बुझ रहे थे और उनमें से विविध रंगों के प्रकाश निकल रहे थे। पूरा महानगर सतरंगी रोशनी से जगमगा रहा था। घर व दुकानों में विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। व्यवसायियों ने कंप्यूटर की पूजा की। जिनके यहां अभी बही-खाते जीवित हैं वहां बही-खातों की पूजा-अर्चना की गई।

    साधना के लिए विशेष दिन माने जाने वाली अमावस्या के दिन साधकों ने स्वयं के भीतर प्रवेश करने की कोशिश की। बच्चों ने पटाखे व फुलझड़ियां छोड़ने के बाद पढ़ाई की। माना जाता है कि इस दिन जो कार्य किया जाता है वह सहजता से पूरे वर्ष होता रहता है। कहा जाता है कि समृद्धि के इस पर्व पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए लक्ष्मी के आगमन के बाद सुबह चार बजे महिलाएं सूपा पटक कर 'ईश्शर पइठें दरिद्दर निकरें' गाते हुए दरिद्र खदेड़ती हैं।

    श्रद्धालुओं ने किया मां लक्ष्मी का दर्शन

    दीपावली पर्व पर महानगर में कई स्थानों पर स्थापित मां लक्ष्मी की प्रतिमाओं का श्रद्धालुओं ने दर्शन कर मंगल कामना की। पूजा-पंडाल भी सतरंगी रोशनी में नहाए हुए थे। जयघोष गूंज रहा था। पूजा पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। पंडालों में लक्ष्मी गणेश के अलावा विभिन्न देवताओं की मूर्तियां स्थापित थीं।

    मां लक्ष्मी का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शाम को शुरू हुआ तो देर रात तक जारी रहा। बड़ी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चों ने मां का दर्शन कर मंगल कामना की।

    लोक मंगल के लिए हुई मां काली की पूजा

    अमावस्या के दिन शाम को बंगाली समाज ने लोक मंगल के लिए मां काली की पूजा-अर्चना की। स्वामी रामकृष्ण विवेकानंद मिशन मोहद्दीपुर, कालीबाड़ी शेषपुर व लोको ग्राउंड में मां काली की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद भंडारे का आयोजन हुआ। माहौल भक्ति से ओतप्रोत था।