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    धनतेरस पर बाजार में हुई धनवर्षा, कारोबार एक हजार करोड़ के पार

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 07:27 AM (IST)

    गोरखपुर में धनतेरस पर बाजारों में खूब रौनक रही। सुबह से देर रात तक बर्तन, जेवर, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की जमकर खरीदारी हुई, जिससे कुल कारोबार एक हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया। सराफा और बर्तन बाजार में विशेष चहल-पहल रही, वहीं वाहनों के शोरूम पर भी ग्राहकों की भीड़ देखी गई। लोगों ने मिठाई, फूल और पूजन सामग्री भी खरीदी।

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    धनतेरस के अवसर पर खरीदारी करती ग्राहक - संगम दूबे

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। धनतेरस पर शनिवार को शहर के बाजार गुलजार रहे और सुबह से लेकर देर रात तक जमकर धनवर्षा हुई। यूं तो सुबह से ही दुकान सजने शुरू हो गए थे, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ते गए बाजाराें में चहल-पहल बढ़ती गई।

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    सुबह से दोपहर तक बाजार में भीड़ कम रही, लेकिन जैसे ही दोपहर बाद ग्राहकों ने बाजार की तरफ रुख किया तो दुकानों पर चमक बढ़ गई। इस दौरान शुभ मुहूर्त देख लोगों ने बर्तन, जेवर, वाहन, कपड़े और इलेक्ट्रानिक्स सामानों की जमकर खरीदारी की। सभी सेक्टर मिलाकर एक हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ।

    शहर के मुख्य बाजार गोलघर, घंटाघर, पांडेयहाता, असुरन तथा मोहद्दीपुर में सुबह से ही दुकानदार सामानों पर आफर के साथ ग्राहकों का इंतजार करते रहे। दोपहर तक बाजार में कम संख्या में ग्राहक बर्तन, इलेक्ट्रानिक, फर्नीचर, कपड़ा व ज्वेलरी के दुकानों पर खरीदारी करते दिखे। चार पहिया व दो पहिया वाहनों की खरीदारी करने वाले लोग मुहूर्त का इंतजार किए बिना दिन में ही नए वाहन अपने-अपने घरों पर लाए।

    वहीं कुछ लाेगों ने मुहूर्त का इंतजार किया और गाड़ी शाम को घर ले आएं। बाजार के जानकारों की मानें धनतेरस पर सर्वाधिक गुलजार सराफा व बर्तन बाजार

    रहा। सर्राफा बाजार में सर्वाधिक 250 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ तो वहीं बर्तन का भी 50 करोड़ का कारोबार हुआ। ज्वेलरी की बिक्री पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक बताई जा रही है।

    गोलघर के विभिन्न शो-रूम पर सोने के आभूषणों के साथ ही नक्काशी वाली सोने की देवी-देवताओं की मूर्तियों की खूब बिक्री हुई। परंपरा जेम्स एंड ज्वेल्स के निदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि विशेष आर्डर देकर लक्ष्मी-गणेश के साथ ही भगवान की कई अन्य मूर्तियों को तैयार कराया था। लोगों ने 10 से लेकर 50 ग्राम तक की मूर्तियों की खरीदारी की।

    सोने व चांदी के सिक्कों के अलावा सोने व हीरे के आभूषणों की भी लोगों ने खरीदारी की। तमाम लोगों ने बजट के अनुसार अन्य आभूषण भी खरीदें। जयपुर के पोल्की, हीरे के हार की खूब मांग रही। तनिष्क के पवन अग्रवाल ने बताया कि शो-रूम पर भी उत्साहित ग्राहकों ने हर प्रकार के आभूषणों की खरीदारी में अपनी रुचि दिखाई।

    तमाम महिलाओं ने सोने और हीरे खरीद रहीं थी, तो वहीं चांदी के सिक्के लेने के लिए लंबी कतार लगी थी। ठाकुर प्रसाद गोपाल दास ज्वेर्ल्स पर भी धनतेरस के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति व बर्तन प्री-बुकिंग करा रखी थी उन्होंने डिलीवरी ली। महंगाई के बाद भी कारोबार अच्छा रहा। सोने-चांदी के सिक्कों के साथ ही कम वजन वाले आभूषणों की खूब बिक्री हुई।

    वाहनों के शो-रूम के बाहर मेले जैसा रहा दृश्य

    धनतेरस पर वाहनों के शो-रूम पर मेले जैसा दृश्य रहा। दो पहिया व चार पहिया वाहनों के शो-रूम से शुक्रवार से ही वाहनों की लोग डिलीवरी करा रहे हैं। धनतेरस पर भी करीब 1500 से 2000 गाड़ियों की लोगों ने डिलीवरी ली। इस बार सभी शो-रूम मिलाकर धनतेरस पर दो हजार चार पहिया तो चार हजार दो पहिया वाहनों की बिक्री व कुल कारोबार 250 करोड़ की होने की उम्मीद है।

    देवरिया रोड पर डीपी हीरो के एमडी नितिन मातनहेलिया ने बताया कि धनतेरस को लेकर हमने विशेष तैयारी कर रखी थी। 10 मिनट में सारी औपचारिकता पूरी कर ग्राहकों को डिलीवरी कर दी गई। जिन लोगों ने शनिवार के कारण गाड़ियों की डिलीवरी नहीं ली है वह अब रविवार व सोमवार को डिलीवरी लेंगे। आर्बिट के निदेशक अभिषेक अग्रवाल का कहना है कि पिछले पिछले साल की तुलना में चार पहिया वाहनों की उपलब्धता से मांग और आपूर्ति की दिक्कतें दूर हुई हैं। हर से इस बार बेहतर कारोबार हुआ है।

    इलेक्ट्रानिक्स बाजार में भी उमड़े ग्राहक

    आभूषण, बर्तन व वाहनों की तरह की इलेक्ट्रानिक उपकरणों की भी खूब खरीदारी हुई। धनतेरस पर इलेक्ट्रानिक उपकरणों में सर्वाधिक लोग टीवी ले गए। इसके अलावा रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, ब्लोअर व गीजर आदि की खरीदारी में भी जुटे रहे। कारोबारी अतुल वर्मा ने बताया कि ग्राहक तो दोपहर से ही शुरू हो गई थी। शाम होते-होते दुकान ही नहीं पूरे बाजार में ग्राहकों की भीड़ लग गई है। रूंगटा एजेंसी के प्रोपराइटर आनंद रूंगटा ने बताया कि दोपहर से ही खरीदारी के लिए ग्राहक आने शुरू हो गए थे। शाम होते-होते दुकान ही नहीं पूरे बाजार में ग्राहकों की भीड़ लग गई है। ओमेगा के पंकज अरोरा ने बताया कि टीवी व अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पादों के अलावा जाड़े के मद्देनजर बहुत से लोगों ने गीजर व ब्लोअर भी खरीदें।

    खूब बिके कुर्ता-पायजामा व डिजाइनर कपड़े

    धनतेरस पर पुरुषों ने जहां डिजायनर कुर्ता-पायजामा की खरीदारी में रुचि दिखाई वहीं महिलाओं ने डिजाइनर साड़ियां व लहंगे की खरीदारी की। कपड़ा व्यवसायी महेश पाल ने बताया कि लहरिया, जड़ी-बूटा आदि नए डिजाइन की साड़ियाें तथा नई-नई वैरायटी के कोट-पेंट व शेरवानी भी खूब पसंद किए गए।

    बर्तन की दुकानों पर देर रात तक होती रही खरीदारी

    ग्राहकों ने पीतल और स्टील के बर्तन की खूब खरीदारी की। पीतल की पूजा थाली, दीया, दीया स्टैंड, सूप, मूर्ति आदि लेने के लिए लोग बेताब दिख रहे थे। पीतल की बाल्टी, सूप, लोटा, दीया के साथ ही स्टील के बर्तनों में थाली, ग्लास, टी सेट, बाल्टी सेट आदि की भी खूब बिक्री हुई। बर्तन काराेबारी अजय गुप्ता के मुताबिक इस बार धनतेरस पर लेजर प्रिंट के स्टील के बर्तन खूब बिके। एल्युमिनियम की जगह स्टील, पीतल व तांबे के बर्तन की तरफ जहां लोग अधिक आकर्षित दिखे वहीं लेजर प्रिंट के ग्लास, कटोरी व थाली भी मांग रही।

    पूजन सामग्री की दुकानों पर जुटी भीड़

    टाउनहाल स्थित लाइन से सजी दुकानों पर भगवान गणेश व धन की देवी लक्ष्मी की प्रतिमा लेने के बाद लोगों ने पूजन सामग्री की भी जमकर खरीदारी की। काली पूजा, लक्ष्मी-गणेश पूजा आदि के लिए घी, रोली, तेल, बाती, अगरबत्ती, तिल-जौ आदि पूजन सामग्रियों की खरीदारी की गई। दुकानों पर पहुंचे लोग लिस्ट थामे नजर आ रहे थे। पहले सामान लेने के लिए होड़ मची रही। कुबेर पोटली की भी खूब बिक्री हुई, शाम होते-होते दुकानों पर मांग के अपेक्षा उपलब्धता कम हो गई।

    मिठाई की दुकानों पर लगी रही कतार

    मिठाई की दुकानों पर भी खरीदारी करने वालों लंबी कतार देखी गई। शहर के प्रतिष्ठित गणेश स्वीट्स, चौधरी स्वीट्स और सुख सागर स्वीट्स जैसे प्रमुख प्रतिष्ठानों पर लोग सूखे मिठाई की खरीद करते दिखे। मिठाई पांच सौ से लेकर 15 सौ रुपये किलो तक बिका। कारोबारियों के अनुसार यूं तो लोगों ने हर तरह की मिठाईयों की खरीदारी की लेकिन मेवा बाइट, ड्राईफ्रूट से बनी मिठाईयों लोगों ने अधिक पसंद किए। ड्राईफ्रूट के विक्रेता निकुंज टेकड़ीवाल ने बताया कि एक ही पैकिंग में बादाम, पिस्ता, काजू और किशमिश की मांग अधिक रही। इसके अलावा ब्रांडेड कंपनियों की काजू कतली की भी खूब बिक्री हुई।

    थाईलैंड से आए कमल के फूल, 60 रुपये में बिकी माला

    धनतेरस के दिन घरों को सजाने के लिए फूलों की खूब बिक्री हो रही है। गेंदा के फूल के साथ ही मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल के फूल की भी खूब बिक्री हो रही है। गेंदा के फूल की माला शुक्रवार को 60 रुपये में बिकी। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल का फूल थाईलैंड के साथ ही कोलकाता और मदुरई से आ रहा है।

    फूल कारोबारी समीर राय का कहना है कि थाईलैंड के कमल को फूल को दिल्ली के इम्पोर्टर मंगाते हैं। गोरखपुर में यह 200 रुपये में बिकेगा। इसी तरह मदुरई का कमल का फूल 100 रुपये और कोलकाता का फूल 40 से 50 रुपये में बिकेगा। हजारीपुर में फूलों के प्रतिष्ठित कारोबारी जितेंद्र सैनी के अनुसार गेंदा की बड़ी माला 50 से 55 रुपये और छोटी माला 20 से 25 रुपये में बिक रही है। कमल का फूल 30 रुपये में तो वैजयंती माला भी 25 रुपये में ही बिक रही है।