सुसाइड का विचार छोड़ें और डायल करें मन कक्ष का हेल्पलाइन नंबर, चुटकी में होगा जिंदगी से प्यार- दूर होगी समस्या
मन में आत्मघाती कदम उठाने के विचार आए तो जिला अस्पताल के मन कक्ष का हेल्पलाइन नंबर डायल करें। यहां आप अपने मन की बात को खुलकर कह सकते हैं। ऐसे लोगों की समस्या को एक्सपर्ट द्वारा निस्तारित किया जा रहा है।

गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। गोरखपुर हाईस्कूल में दो बार फेल होने के बाद रुस्तमपुर के 17 वर्षीय किशोर ने दो बार आत्मघाती प्रयास किया था। एक बार कलाई की नस काट ली थी, दूसरी बार छत से छलांग दी थी। कर्ज में डूबे मानीराम के 25 वर्षीय युवक के मन में भी बार-बार आत्महत्या का विचार आ रहा था। यह बात उसने अपनी पत्नी को बता दी। स्वजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए, जहां काउंसिलिंग व उपचार से दोनों अब स्वस्थ हैं। मन कक्ष ने काउंसिलिंग कर उनके भीतर जीवन के प्रति प्यार जगाया तो उनका आत्मघाती व्यवहार छूट गया। वे खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
रोगी खुलकर बता सकते हैं अपनी बात
जिला अस्पताल में संचालित मन कक्ष पर श्रीरामचरितमानस की चौपाई 'कहेहू ते कछु दुख घटि होई, काहि कहौं यह जान न कोई' लिखी है, अर्थात मन का दुख कह डालने से कुछ कम हो जाता है, पर कहूं किससे, यह दुख कोई नहीं जानता? मन कक्ष अवसाद पीड़ितों को अपने मन की पूरी बात कहने का अवसर देता है, इस आश्वासन व भरोसे के साथ कि उनकी बात किसी अन्य से नहीं कही जाएगी। रोगी खुलकर अपनी बात कहते हैं, उनमें से अवसाद के कारण तलाशे जाते हैं और काउंसिलिंग के जरिये उन्हें दूर करने के उपाय किए जाते हैं। अक्टूबर 2019 में स्थापित मन कक्ष ने अब तक ऐसे 42 लोगों की जान बचाई है, जो अवसाद से पीड़ित होकर आत्महत्या के प्रयास कर चुके थे। इनकी उम्र 17 से 44 वर्ष के बीच है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जिला अस्पताल के नैदानिक मनोवैज्ञानिक मन कक्ष के रमेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि रोगियों को भरोसा दिया जाता है कि वे अपने मन की बात खुलकर कहें, उनकी बात यहां से बाहर नहीं जाएगी। वे जल्दी तैयार नहीं होते लेकिन अपनापन दिखाकर उनसे सभी बातें पूछ ली जाती हैं और उसी में से कारण सामने आ जाता है। काउंसिलिंग करके उसे दूर कर दिया जाता है।
जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार शाही ने बताया कि जीवन के किसी मोड़ पर असफल होने से कुछ लोग अवसाद में चले जाते हैं। ऐसे लोगों को स्वजन के प्यार की सर्वाधिक जरूरत होती है। परिवार के लोगों को भरोसा दिलाना चाहिए कि वे हर कदम पर उनके साथ हैं। व्यक्ति जब अकेला महसूस करता है तो आत्मघाती कदम उठाता है।
मन कक्ष का हेल्पलाइन नंबर
लोगों की सुविधा के लिए मन कक्ष ने हेल्पलाइन नंबर 9336929266 जारी किया है। इस पर फोन करके भी परामर्श लिया जा सकता है और जिला अस्पताल के न्यू ओपीडी में कक्ष संख्या 50 में जाकर भी। अभी तक तीन हजार से अधिक लोगों के मन की बातें सुनी गईं और उनको उचित परामर्श दिया गया।
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