Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सर्वोदय समाज की स्थापना भूदान आंदोलन का था लक्ष्य

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 12 Sep 2021 05:42 AM (IST)

    संत विनोबा पीजी कालेज में संत विनोबा भावे की जयंती मनाई गई हुजूर व मजूर में विभाजन सर्वोदय समाज की सबसे बड़ी कमजोरी

    Hero Image
    सर्वोदय समाज की स्थापना भूदान आंदोलन का था लक्ष्य

    जागरण संवाददाता, देवरिया: संत विनोबा पीजी कालेज में शनिवार को संत विनोबा भावे की जयंती मनाई गई। विधायक डा.सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि भूदान आंदोलन का लक्ष्य केवल भूमि का वितरण करना नहीं, बल्कि उनका अंतिम लक्ष्य सर्वोदय समाज की स्थापना करना था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि सर्वोदय में संपूर्ण मानव जाति के कल्याण की कामना निहित है। शिक्षाशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा.बृजेश कुमार पांडेय ने कहा कि संत विनोबा ने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर व्यंग्य किया था। उन्होंने कहा था कि इस शिक्षा प्रणाली की सबस बड़ी कमजोरी नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन नहीं मिलना है। सर्वोदय समाज की कमजोरी के बारे में कहा करते थे कि यह हुजूर (बुद्धिजीवी) और मजूर (श्रमजीवी) में विभाजित है। श्रमजीवियों को हीन दृष्टि से देखा जाता है। इस खाई को पाटने के लिए सर्वोदय समाज में शारीरिक श्रम सबके लिए अनिवार्य करना होगा। उनके विचार आज के समय में प्रासंगिक है। राजनीति विज्ञान विभाग डा.भूपेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने ऐसे समाज की कल्पना की थी, जिसमें मानव निर्मित दीवारें नहीं होंगी। लोगों को एक दूसरे के देश में जाने, अध्ययन करने व व्यापार करने की छूट होगी। समाजशास्त्र विभाग के डा.विवेक मिश्र ने कहा कि विनोबा ने जयहिद के स्थान पर जय जगत का नारा दिया था। वह वर्ग, जाति व शोषण विहीन समाज की स्थापना करना चाहते थे। समाज शास्त्र विभाग के डा.कृष्ण मुरारी गुप्त ने कहा कि उनका लक्ष्य गांधीजी के जीवन दर्शन से विश्व को परिचित कराना था। इस मौके पर बीए तृतीय वर्ष की छात्रा वंदना मिश्रा, अभिषेक उपाध्याय, कृष्णप्रताप, वैभवी मणि, सत्येंद्र पांडेय ने विचार रखे। इस मौके पर डा.सुधांशु शुक्ला, डा.राजेश मिश्र, डा.राजेश झुनझुनवाला, डा.प्रीतम कलवार, डा.ऋचा मिश्रा, प्रियंका दीक्षित, श्रीप्रकाश मिश्र आदि मौजूद रहे।