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    हर प्राणी के जीवन के लिए जल का संरक्षण जरूरी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 26 Jun 2021 05:05 AM (IST)

    पानी का इस्तेमाल करते हुए हम पानी की बचत के बारे में जरा भी नहीं सोचते हैं।

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    हर प्राणी के जीवन के लिए जल का संरक्षण जरूरी

    देवरिया : संसार के प्रत्येक प्राणी का जीवन आधार जल ही है। शायद ही ऐसा कोई प्राणी हो जिसे जल की आवश्यकता न हो। जल हमें समुद्र, नदियों, तालाबों, झीलों, वर्षा एवं भूजल के माध्यम से प्राप्त होता है। गर्म हवाओं के चलने से समुद्र, नदियों, झीलों, तालाबों का जल वाष्पित होकर ठंडे स्थानों की ओर चलता है जहां पर न्यून तापमान के कारण संघनित होकर वर्षा के रूप में पृथ्वी पर गिरता है। जबकि पहाड़ों पर और भी कम तापमान होने के कारण जल बर्फ के रूप में जम जाता है जो कि गर्मी के दिनों में पिघलकर नदियों में चला जाता है।

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    मानव अपने स्वास्थ्य, सुविधा, दिखावा व विलासिता को दिखाने के लिये अमूल्य जल की बर्बादी करने से नहीं चूकता है। पानी का इस्तेमाल करते हुए हम पानी की बचत के बारे में जरा भी नहीं सोचते हैं। परिणामस्वरूप अधिकांश जगहों पर जल संकट की स्थिति पैदा हो चुकी है। यदि हम अपनी आदतों में थोड़ा-सा भी बदलाव कर लें तो पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। बस आवश्यकता है दृढ़संकल्प करने की तथा उस पर गंभीरता से अमल करने की, क्योंकि जल है तो हमारा भविष्य है। इसलिए यदि हम पानी की बचत करते हैं तो यह भी जल संग्रह का ही एक रूप है। एक अध्ययन से पता चला है कि मानव यदि अपनी आदतों को बदल लें तो 80 प्रतिशत से भी अधिक पानी की बचत हो सकती है। यदि मानव तमाम नहीं कुछ ही आदत बदल लें तो भी 15 प्रतिशत जल की बचत संभव है। बूंद-बूंद की बचत से एक बड़ी बचत हो सकती है। इस प्रकार पानी की बचत ही जल संरक्षण है।

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    जल संग्रहण के उपाय:

    - प्रत्येक गांव/बस्ती में एक तालाब होना आवश्यक है जिसमें जल संग्रह हो सके तथा आवश्यकतानुसार उपयोग में लाया जा सके।

    - नदियों पर छोटे-छोटे बांध व जलाशय बनाए जाएं ताकि बांध में पानी एकत्र हो सके तथा आवश्यकतानुसार उपयोग में लाया जा सके।

    -नदियों में प्रदूषित जल को डालने से पूर्व उसे साफ करना जरूरी है ताकि नदियों का जल साफ सुथरा बना रहे।

    - अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाए ताकि ये वृक्ष एक तरफ तो पर्यावरण को नमी पहुंचाए तथा दूसरी ओर वर्षा करने में सहायता करें।

    -जल प्रवाह की समुचित व्यवस्था होनी आवश्यक है। कस्बों, नगरों से गंदे पानी का निकास आवश्यक है।

    - जल को व्यर्थ में बर्बाद न करें और न ही प्रदूषित करें।

    -भूमिगत जल का उपयोग समय तथा उपलब्धता के आधार पर ही किया जाना चाहिए। ताकि आवश्यकता के समय इसका उपयोग किया जा सके।

    - भवनों, सार्वजनिक स्थलों, सरकारी भवनों में जल संरक्षण के लिये व्यवस्था की जाए।

    - जल को गहरी जमीन में छोड़ दें ताकि वह अंदर जाकर भूजल स्तर को ऊपर उठाने में मदद करें।

    - जल संरक्षण के लिये जल का उचित संचय आवश्यक है।

    - जल का उचित संवहन तथा स्थानांतरण भी जल संरक्षण के लिये महत्वपूर्ण है।

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    डा. विनय तिवारी पर्यावरणविद्,असिस्टेंट प्रोफेसर, भूगोल विभाग, बीआरडीबीडीपीजी कालेज, आश्रम, बरहज, देवरिया