Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    DDU Gorakhpur University: अब ऑनलाइन हो सकेगा शोधार्थियों का मूल्यांकन व साक्षात्कार

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jul 2022 05:45 PM (IST)

    यह निर्णय संयुक्त शोध उपाधि समिति की बैठक में लिया गया है। वहीं शोधार्थियों को निर्देशक आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। ऐसे में शोधार्थियों का ...और पढ़ें

    Hero Image
    अब ऑनलाइन हो सकेगा शोधार्थियों का मूल्यांकन व साक्षात्कार। (फाइल)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों का मूल्यांकन अब ऑनलाइन भी किया जा सकेगा। वह अपना शोधग्रंथ भी सॉफ्ट कापी में जमा कर सकेंगे। शोधार्थियों का साक्षात्कार भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। पारदर्शिता के लिए साक्षात्कार की वीडियो रिकार्डिंग सुरक्षित रखी जाएगी। यह निर्णय कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में हुई संयुक्त शोध उपाधि समिति की बैठक में लिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शोधग्रंथ की साहित्यिक चोरी का मूल्यांकन भी शोधार्थी कर सकेगा शोधार्थी: बैठक में कुलपति ने कहा कि अब शोधग्रंथ की साहित्यिक चोरी का मूल्यांकन भी शोधार्थी स्वयं कर सकेगा। स्वयं के मूल्यांकन के बाद उसका शोधग्रंथ निर्देशक और विभागाध्यक्ष द्वारा अग्रसारित किया जाएगा, जिसका सत्यापन निदेशक शोध और अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा करने के बाद साहित्यक चोरी न होने का प्रमाण- पत्र जारी किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति अवधि मात्र दो साल बची है, उन्हें शोधार्थी आवंटित नहीं किया जाएगा। जो शाेधार्थी उनके लिए पहले से आवंटित हैं, उनके लिए सह- निर्देशक नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा वरिष्ठता और मेरिट के आधार पर शोधकर्ताओं को सुपरवाइजर आवंटित किया जायेगा।

    शोधार्थियों को निर्देशक आवंटन के प्रस्ताव को मिली मंजूरी: बैठक में विभागीय शोध समिति द्वारा शोधार्थियों के लिए निर्देशक आवंटित करने संबंधी भेजे गए सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। मंजूरी इस शर्त पर दी गई कि सभी निर्देशक यूजीसी गाइडलाइंस के तहत निर्धारित योग्यता रखते हो। योग्यता की जांच संकायाध्यक्षों की एक समिति करेगी। महाविद्यालयों के बहुत से शोधार्थियों को भी निर्देशक आवंटित किए गए हैं। ऐसे में सत्र 2019- 20 और 2020- 21 के प्री- पीएचडी परीक्षा पास सभी शोधार्थियों को निर्देशक आवंटित कर दिए गए हैं। कुलपति ने कहा कि सभी शाेधार्थियों और उनके निर्देशकों को यह ध्यान रखना होगा कि वह विश्वविद्यालय के शोध परिनियमावली का पालन अवश्य करें। ऐसा न करने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।