दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में गोरखपुर के एआरटीओ बोले, चिन्हित स्थलों की दूर होंगी तकनीकी कमियां
एआरटीओ संजय कुमार झा ने सड़क सुरक्षा सप्ताह से संबंधित साक्षात्कार में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सिर्फ कार्रवाई नहीं जागरूकता भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि चिन्हित स्थलों का वैज्ञानिक विश्लेषण कर इंजीनियरिंग डिफेक्ट दूर की जाएगी। साथ ही कुशल चालक तैयार किए जाएंगे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संजय कुमार झा ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा हाईवे पर दुर्घटना वाले स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है। दुर्घटना के कारणों का सूक्ष्म वैज्ञानिक विश्लेषण कर सड़क मार्ग के इंजीनियरिंग डिफेक्ट को दूर कराने का प्रयास किया जाएगा। सड़क के निर्धारित गति और यातायात के नियमों से संबंधित बोर्ड लगाए जाएंगे। रोड के साथ बोर्ड अनिवार्य है।
इस वजह से भी होती हैं दुर्घटनाएं
उन्होंने कहा कि रोड पर यातायात नियमों और सड़क की सूचना संबंधित बोर्ड नहीं है तो दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा पाना कठिन है। प्रशिक्षित चालकों के चलते भी मार्ग दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कुशल चालकों के लिए जल्द ही चरगांवा स्थित शहीद बंधू सिंह चालक प्रशिक्षण केंद्र शुरू हो जाएगा। प्रशिक्षण के लिए कंपनी निर्धारित कर दी गई है। मार्ग दुर्घटनाओं पर सिर्फ कार्रवाइयों से ही अंकुश नहीं लग पाएगा, इसके लिए आम जन को भी जागरूक होना जरूरी है। दैनिक जागरण कार्यालय में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने सड़क सुरक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा की। बातचीत में आ रहीं दिक्कतों और खामियों को स्वीकार किया। उन्हें दूर कराने का आश्वासन देते हुए दैनिक जागरण के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। प्रस्तुत हैं प्रश्न और उत्तर।
प्रश्न : नौसढ़-खजनी, गोला वाया बड़हलगंज- कौड़ीराम और बाघागाड़ा-कोनी-लखनऊ फोरलेन पर सड़क की स्थिति बेहद खराब है। जगह-जगह खतरनाक कट हैं, संकेतक नहीं हैं। हरपल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। क्या करण है?
उत्तर : दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान को पढ़ता रहा हूं। सड़कों की कमियों के बारे में जानकारी हुई है। निर्माण एजेंसियां सड़कों की बनावट और दुर्घटना के कारणों की पड़ताल कर रही हैं। दो दिसंबर को सड़क सुरक्षा समिति में प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया जाएगा। गहन समीक्षा कर कमियों को दूर कराया जाएगा।
प्रश्न : मार्ग दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 2021 में 550 दुर्घटनाएं हुई थीं। वर्ष 2022 में बढ़कर 955 हो गई हैं। जबकि, दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए लगातार अभियान चल रहे हैं।
उत्तर : सभी सड़क मार्ग की गति निर्धारित है। मार्गों पर संकेतक के साथ निर्धारित गति का बोर्ड भी जरूरी है। चालक गति और मानकों का ख्याल नहीं रखते। मार्गों पर जगह-जगह बोर्ड लगवाए जाएंगे। अनियंत्रित गति के खिलाफ अभियान चलाए जाएंगे।
प्रश्न : प्रतिमाह सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का प्राविधान है। जुलाई से अभी तक एक भी बैठक नहीं हुई। अवरोध कहां है?
उत्तर : सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के लिए प्रत्येक माह का दो तारीख निर्धारित किया गया है। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता इसके सचिव हैं। दो दिसंबर को बैठक होनी है। अधिकारियों की कमी के चलते भी नियमित बैठकें नहीं हो पा रहीं। गोरखपुर में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के दो पद खाली हैं।
प्रश्न : दुर्घटना के बाद घायल को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके, इसके लिए गुड सेमिनेटर (मददगार) की व्यवस्था की गई है। मददगार को दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का प्राविधान है, लेकिन एक भी मददगार को प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई, क्यों?
उत्तर : पुलिस प्रशासन के सहयोग से मददगार को चिन्हित कराया जाएगा। इस व्यवस्था की भी पड़ताल कराई जाएगी। अभियान चलाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।
प्रश्न : परिवहन विभाग आने वाले दिनों में मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए क्या तैयारी कर रहा है। इसके लिए क्या कोई कार्ययोजना तैयार की गई है।
उत्तर : त्रैमासिक सड़क सुरक्षा अभियान नियमित चलाया जा रहा है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक को भी नियमित किया जाएगा। स्कूल सहित प्रमुख स्थलों पर जागरूकता अभियान चल रहा है, इसे गांवों तक पहुंचाया जाएगा। 25 से 35 वर्ष के युवाओं के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। कार्रवाई के साथ जागरूकता पर विशेष जोर रहेगा।