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    विश्वजीत के ‘सपनों का साम्राज्य’ निकला जालसाजी का जाल, 50 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़पी

    गोरखपुर में साइबर ठगी और शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना विश्वजीत श्रीवास्तव ने आसपास के जिलों में भी अपना जाल फैलाया था। उसने 500 से अधिक लोगों को फंसाकर 50 करोड़ से ज्यादा की कमाई लूटी। उसने निवेशकों को लुभाने के लिए सोने की दुकान भी खोली और चेन मार्केटिंग के जरिए लोगों को इनाम और उपहार देकर आकर्षित किया।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 25 Aug 2025 11:13 AM (IST)
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    विश्वजीत के ‘सपनों का साम्राज्य’ निकला जालसाजी का जाल, 50 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़पी

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। साइबर ठगी और शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर करोड़ों हड़पने वाले गिरोह का सरगना विश्वजीत श्रीवास्तव ने गोरखपुर के अलावा आसपास के जिलों में धोखाधड़ी का साम्राज्य खड़ा कर लिया था। उसके जाल में 500 से ज्यादा लोग फंसकर 50 करोड़ से अधिक की अपनी कमाई गंवा चुके हैं।

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    वर्ष 2016 में चरगांवा के राणा हास्पिटल के पास उसने पहला दफ्तर खोला। शुरुआत में खुद को ट्रेडिंग एक्सपर्ट बताते हुए कुछ लोगों को मुनाफा देकर विश्वास जीता। इसके बाद धीरे-धीरे दायरा बढ़ाता गया। 

    शहर के असुरन पर कार्यालय खोलने के बाद पादरी बाजार में आलीशान मकान बनवाया। एक वर्ष उसने जमीन भी खरीदी, ताकि लोगों को दिखा सके कि उसका कारोबार लगातार फल-फूल रहा है।

    विश्वजीत ने ठगी की जाल को मजबूत करने के लिए चेन मार्केटिंग शुरू की, जो लोग नए निवेशक लाते, उन्हें कंपनी की तरफ से नकद इनाम और उपहार दिया जाता। इसके लिए वह समय-समय पर शहर के बड़े होटलों में प्रमोशनल कार्यक्रम भी करता। वहां लोगों को सपने दिखाता कि उसकी कंपनी का नेटवर्क बिहार व झारखंड तक फैला है।

    निवेशकों को प्रलोभन देने के लिए उसने सोने के आभूषण की दुकान भी खोली। लोगों से कहता था कि जितने मूल्य का सोना खरीदेंगे, उसी अनुपात में कंपनी उन्हें शेयर देगी। दावा करता कि भविष्य में उन शेयरों को बेचकर निवेशक मुनाफे के साथ रकम वापस पा सकेंगे। इस झांसे में बड़ी संख्या में लोग फंस गए।

    मर्सिडीज से दिखाता था रौब

    प्रभाव जमाने के लिए विश्वजीत ने मर्सिडीज कार तक खरीदी। यही नहीं, आलीशान मकान और कार्यालय के जरिए अपने निवेशकों को भरोसा दिलाता कि उसका कारोबार बेहद मजबूत है।

    जांच एजेंसियों का मानना है कि गोरखपुर में ही करीब 500 लोगों से निवेश के नाम पर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा उसने बटोरे। यही नहीं, कुशीनगर और महराजगंज के कई व्यापारी भी उसके झांसे में आ गए।