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    Cyber Crime: खुद को NIA अधिकारी बताकर लगा दिया 14 लाख का चूना, साइबर पुलिस ने लौटाए 13.87 लाख

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:39 AM (IST)

    गोरखपुर में साइबर अपराधियों ने एक सेवानिवृत्त शिक्षक को एनआईए अधिकारी बनकर 14 लाख रुपये ठग लिए। उन्होंने शिक्षक को डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी और आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया। साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जालसाजों के खाते को फ्रीज कर दिया और पीड़ित को 13.87 लाख रुपये वापस दिलाए। एसपी सिटी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

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    गाेरखनाथ क्षेत्र में रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक को किया था डिजिटल अरेस्ट। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। साइबर अपराधियों ने खुद को एनआइए अधिकारी बताकर सेवानिवृत्त शिक्षक को डिजिटल अरेस्ट कर 14 लाख रुपये ठग लिए थे। साइबर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जालसाजों का खाता फ्रीज कराने के साथ ही पीड़ित को 13.87 लाख रुपये वापस दिलवा दिए। रुपये खाते में वापस आने पर सेवानिवृत्त शिक्षक ने मंगलवार को एसपी सिटी अभिनव त्यागी से मुलाकात कर पुलिस का आभार जताया।

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    गोरखनाथ क्षेत्र में रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक इंद्रजीत शुक्ल के पास 27 जुलाई को वाट्सएप काल आय।दूसरी तरफ से बात करने वाले ने खुद को एनआइए अधिकारी बताकर पाकिस्तानी आतंकियों से बातचीत व रुपये का लेन-देन करने का झूठा आरोप लगाया।

    आरोपित ने 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी और कहा कि उसके पास सबूत हैं, जिंदगी जेल में खत्म हो जाएगी।डर और सदमे में आए इंद्रजीत ने 28 जुलाई को 14 लाख रुपये मोज बेनीवाल नामक व्यक्ति के खाते में जमा कर दिए। रुपये जाते ही काल करने वाले ने अपना नंबर बंद कर दिया।इसके बाद इंद्रजीत शुक्ल ने अपने रिश्तदारों को बताया।

    साइबर ठगी की जानकारी देते हुए उन्होंने गोरखनाथ थाने पर तहरीर दी।एसपी सिटी के निर्देश पर साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।जिन खातों में रुपये ट्रांसफर हुए थे उसे फ्रीज कराने के साथ ही दो सप्ताह में 13.87 लाख रुपये इंद्रजीत शुक्ल के खाते में वापस कराएं।

    एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती। जालसाज झूठे आरोप लगाकर डराते हैं और रकम वसूलते हैं। ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचना दें, तभी रिकवरी की संभावना ज्यादा रहती है।

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    पुलिस ने दिया जीने का हौसला:

    रुपये वापस आने पर भावुक इंद्रजीत शुक्ल ने एसपी सिटी अभिनव त्यागी से मुलाकात कर आभार जताया। उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगीभर की कमाई एक पल में खत्म हो गई थी। लगा कि सब लुट गया। लेकिन साइबर पुलिस ने मुझे फिर से जीने का हौसला दिया। अब लगता है कि न्याय जिंदा है।