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    मदुरै में ट्रेन के कोच में अग्निकांड की रिपोर्ट सीआरएस ने सौंपी, तीन विभाग दोषी; खड़े कोच में फटा था सिलेंडर

    मदुरै रेलवे स्टेशन पर पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस की एक बोगी में अग्निकांड के जांच की आंच पूर्वोत्तर रेलवे तक पहुंच गई है। रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के परिचालन और यांत्रिक विभाग को दोषी ठहराया गया है। उन्होंने माना है कि इन दोनों विभागों ने लापरवाही बरती है। रेलवे सुरक्षा बल को भी कठघरे में खड़ा करते हुए दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 05 Mar 2024 04:15 AM (IST)
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    मदुरै में ट्रेन के कोच में अग्निकांड की रिपोर्ट सीआरएस ने सौंपी।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मदुरै रेलवे स्टेशन पर पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस की एक बोगी में अग्निकांड के जांच की आंच पूर्वोत्तर रेलवे तक पहुंच गई है। रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के परिचालन और यांत्रिक विभाग को दोषी ठहराया गया है। 

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    उन्होंने माना है कि इन दोनों विभागों ने लापरवाही बरती है। रेलवे सुरक्षा बल को भी कठघरे में खड़ा करते हुए दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के बाद रेलवे प्रशासन जल्द ही कार्रवाई सुनिश्चित कर देगा। 

    मदुरै स्टेशन पर खड़ी पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस की बोगी में 26 अगस्त, 2023 को गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई थी। लखनऊ से चेन्नई के लिए रवाना कोच में गैस सिलेंडर भी था, लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे चेक नहीं किया और वह नौ लोगों को असमय मृत्यु का कारण बन गया। कई यात्री झुलस गए थे। इनमें अधिकतर यात्री सीतापुर क्षेत्र के थे। 

    कोच की बुकिंग पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल से इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के माध्यम से हुई थी। प्राथमिक जांच में पता चला कि आईआरसीटीसी ने जिस कोच की बुकिंग की थी, उस संबंध में परिचालन और यांत्रिक विभाग ने जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया था और कोच की बुकिंग को हरी झंडी दे दी थी। 

    लखनऊ से कोच के मदुरै रवाना होते समय रेलवे सुरक्षा बल ने सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा था। दुर्घटना के तत्काल बाद रेलवे बोर्ड ने सीआरएस को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी थी। साथ ही स्टेशनों पर तत्काल प्रभाव से ज्वलनशील पदार्थों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। सीआरएस ने पूरी जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट सौंपी है। इस दौरान पूर्वोत्तर रेलवे के कई संबंधित अधिकारी तलब किए गए थे।