डीएम की सख्ती का दिखा असर, आदेश के तीन दिन बाद बीडीओ व अभियंताओं के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
Crores of Rupees Scam in Gorakhpur गोरखपुर में भ्रष्टाचार के मामले में एक बीडीओ और दो अभियंताओं समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। डीएम के आदेश का पालन करते हुए यह कार्रवाई की गई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बिना काम कराए ही करीब 80 लाख रुपये का भुगतान कराने के मामले में जिलाधिकारी ने सहजनवा के पूर्व खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) दुर्योधन, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता सुबोध कुमार तिवारी, लघु सिंचाई के अवर अभियंता अजय कुमार एवं लेखाकार राघवेंद्र पाठक पर एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया था। इस आदेश को तीन दिन बीतने के बाद बुधवार की देर रात सहजनवा थाने पर तहरीर दी गई। जिसके बाद चारों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू हो गई है।
सहजनवा के पूर्व बीडीओ, दो अवर अभियंता सहित चार पर एफआइआर का दिया गया था आदेश
जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने एक अप्रैल 2022 को सहजनवा ब्लाक के सभाकक्ष में सहजनवा, पाली एवं पिपरौली ब्लाक में कराए गए विकास कार्यों की समीक्षा की थी। उसी दौरान क्षेत्र पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि एवं विशुनपुरा के निवासी मनोज कुमार दुबे व ग्राम वसिया निवासी धनंजय सिंह ने जिलाधिकारी से अनियमितता की शिकायत की थी। दोनों शिकायतकर्ताओं ने बताया था कि सहजनवा ब्लाक में बीडीओ, जेई एवं जनप्रतिनिधि द्वारा बिना काम कराए ही भुगतान करा लिया गया है।
जांच में सही पाई गई थी शिकायत
शिकायत की जांच में यह बात साबित हुई कि 15 में से 10 काम कराए ही नहीं गए हैं और जाे पांच काम कराए भी गए हैं, वे स्थलीय सत्यापन से कुछ दिन पूर्व कराए गए हैं। ये काम भी अधोमानक पाए गए। जांच टीम ने बिना काम कराए करीब 80 लाख रुपये का भुगतान कराने का मामला सही पाया है। इसी के बाद जिलाधिकारी ने एफआइआर का निर्देश दिया था। जिसके बाद सहजनवा के एडीओ पंचायत रामगोपाल तिवारी की तहरीर पर मुकदमे की कार्रवाई की गई है।
देरी से मुकदमा दर्ज कराने का यह है कारण
एडीओ पंचायत पदनाम से तहरीर देने के पक्ष में थें। इसी तरह इस मामले में राजपत्रित अधिकारी होने के कारण भी कुछ तकनीकी दिक्कत का तर्क दिया जा रहा था। सहजनवा के थानाध्यक्ष अंजुल कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अनियमितता के मामले में एफआइआर के लिए तहरीर मिल गई है। तहरीर मिलने के बाद एफआइआर दर्ज की गई है।