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    गोरखपुर में राप्ती नदी किनारे मिला मरा घड़ियाल, ठंड के कारण हुई थी मौत- पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई जानकारी

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Wed, 28 Dec 2022 09:35 AM (IST)

    बूढ़े हो चुके घड़ियाल की मौत ठंड के कारण हुई थी। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सालय में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारण की जानकारी हुई। चिकित्सकों ने बताया कि उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले है।

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    मृत घड़ियाल को राप्ती नदी से बाहर निकालते ग्रामीण l -जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज क्षेत्र के बढ़या-ठाठर में राप्ती नदी के किनारे मरा हुआ घड़ियाल पाया गया। ग्रामीणों से मिली जानकारी के बाद वन विभाग ने उसके शव का मंगलवार को चिड़ियाघर के पशु चिकित्सालय में पोस्टमोर्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद पशु चिकित्सकों ने जानकारी दी कि उसकी मौत ठंड से हुई है। घड़ियाल पर्याप्त बूढ़ा भी हो चुका था।

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    ऐसे हुई बूढ़े हो चुके घड़ियाल की मौत

    पोस्टमार्टम करने वाली चिकित्सकों की टीम का नेतृत्व करने वाले चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि घड़ियाल ठंडे खून वाला जानवर है। ऐसे में वह ठंड के मौसम में अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए पानी के निचले सतह पर स्थिर हो जाता है। मरा हुआ घड़ियाल नदी के पाट में फंसकर सतह पर नहीं जा सका, जिसके चलते वह शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं कर सका और ठंड के चलते उसकी मौत हो गई। वह इतना बूढ़ा हो गया था कि उसके दांत भी टूटे हुए थे। उसकी लंबाई करीब 12 फीट थी। पोस्टमार्टम करने वाली टीम में डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ. सुनील सिंह और डॉ. एके पटेल शामिल रहे।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    डीएफओ विकास कुमार यादव ने बताया कि सोमवार की दोपहर हमारी टीम ने बढ़ाया ठाठर से एक घड़ियाल का शव बरामद किया। उसकी मौत प्राकृतिक थी या किसी ने उसे मार दिया है, इसे जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया गया। चिकित्सकों ने बताया कि उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले है। उसकी मौत ठंड के चलते हुई है।

    तहरीर के बाद भी जारी है अवैध रूप से मछली मारने का काम

    रामगढ़ताल में अवैध रूप से मछली मारने का काम मंगलवार को भी जारी रहा। ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए एक दिसंबर को जीडीए सचिव की ओर से रामगढ़ताल, कैंट एवं खोराबार थाने में तहरीर दी गई है लेकिन मछली मारने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। मंगलवार की सुबह भी रामगढ़ताल रेलवे कालोनी, वाटर कांप्लेक्स एवं महादेव झारखंडी की ओर नाव पर सवार लोगों ने मछली मारी।

    रामगढ़ताल नया सवेरा पर नावके संचालक धर्मेंद्र शुक्ला व राहुल साहनी ने शिकायत की है कि रामगढ़ताल में मछुआरों द्वारा जाल लगाकर मछली निकाली जा रही है। इससे नाव के संचालनमें कठिनाई हो रही है। इसी के बाद तीनों थानों में तहरीर देकर अवैध रूप से मछली पकड़ने का काम बंद करने एवं ऐसा करने वालों पर कार्रवाई को कहा गया है। इस मामले में पुलिस का दावा है कि कई बार औचक जांच की गई लेकिन कोई मछली मारते नहीं मिला। जैसे ही कोई पकड़ा जाएगा, कार्रवाई की जाएगी।

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