आगरा के क्रिकेटर ने खेल के लिए छोड़ी रेलवे की नौकरी
उन्होंने एनओसी के लिए आवेदन किया तो यह बताया गया कि बांड के मुताबिक उन्हें पांच साल के वेतन का पैसा रेलवे में जमा कराना पड़ेगा।
गोरखपुर (उमेश पाठक)। खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए बनाये गए नियम-कानून खिलाड़ियों के लिए बाधक साबित होने लगते हैं। भारतीय रेलवे के एक ऐसे ही नियम का हवाला देते हुए उभरते क्रिकेटर अमित गौतम ने नौकरी छोड़ देना उचित समझा है। उनका कहना है कि इस नौकरी के दौरान उन्हें अभ्यास का मौका नहीं मिल पाता था। हालांकि इसके बदले उन्हें 8.59 लाख रुपये बतौर बांड देने पड़े हैं। अब वह राजस्थान रणजी टीम के सदस्य बन गए हैं।
मूल रूप से आगरा के रहने वाले वेद प्रकाश गौतम के पुत्र अमित गौतम का चयन मई 2016 में पूर्वोत्तर रेलवे में 1800 ग्रेड पे में किया गया था। अमित को यांत्रिक कारखाने में खलासी के पद पर नियुक्ति मिली थी। बीच में वह अवकाश लेकर राजस्थान चले गए और वहां अंडर-22 में खेलते हुए काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया। वापस लौटकर उन्होंने यह कहते हुए रेलवे से इस्तीफा दे दिया कि यहां ठीक से अभ्यास का अवसर नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने एनओसी के लिए आवेदन किया तो यह बताया गया कि बांड के मुताबिक उन्हें पांच साल के वेतन का पैसा रेलवे में जमा कराना पड़ेगा। पिछले हफ्ते अमित के पिता ने गोरखपुर पहुंचकर रुपये जमा कराए तो रेलवे ने नौकरी छोड़ने की अनुमति दे दी। वेद प्रकाश का कहना है कि कॅरियर के लिए ऐसा करना जरूरी था।
राजस्थान की टीम से शानदार प्रदर्शन कर रहे: राजस्थान में अंडर-22 वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अमित का चयन रणजी के लिए राज्य की मुख्य टीम में कर लिया गया। राजस्थान की ओर से खेलते हुए सीजन के अंतिम व अपने पहले ही मैच में अमित ने गौतम गंभीर व अन्य अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से युक्त दिल्ली की टीम के खिलाफ शतक जड़कर पहचान बनायी।
यह भी पढ़ें: ओम प्रकाश राजभर ने कहा-बाटी-चोखा, कच्चा वोट', 'दारू-मुर्गा, पक्का वोट'
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव का कहना है कि खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए रेलवे हमेशा तत्पर रहता है। इसी के तहत उन्हें नौकरी भी दी जाती है लेकिन बिना कन्फर्मेशन के यदि कोई खिलाड़ी रेलवे छोड़ता है तो उसे बांड के अनुसार धनराशि जमा करानी होती है।
यह भी पढ़ें: हिंदू, मुस्लिम व सिख धर्म के पहलवानों के सद्भाव भरे दंगल में जीत गई परंपरा