MMMUT: संस्थान छोड़ने पर भी मालवीयंस के साथ होगी उनकी 'क्रेडिट', हर कोर्स पर लागू होने जा रही ये खास व्यवस्था
एमएमएमयूटी गोरखपुर में पाठ्यक्रम के दौरान ही संस्थान छोड़कर दूसरे संस्थानों में जाने पर भी छात्रों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। एमएमएमयूटी में एकेडमिक ...और पढ़ें

डा. राकेश राय, गोरखपुर। मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अगर एनईपी की मल्टीपल एंट्री-एग्जिट पालिसी के तहत पाठ्यक्रम के दौरान ही संस्थान छोड़कर दूसरे संस्थानों में जाते हैं तो उन्हें संस्थान बदलने के चलते किसी तरह का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। ऐसा इसलिए कि विश्वविद्यालय में दर्ज की गई क्रेडिट दूसरे संस्थान में भी उनके साथ होगी। इसके लिए उन्हें सिर्फ एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट की साइट पर जाकर अपनी क्रेडिट को रिडीम कराना होगा। ऐसा करने के बाद विश्वविद्यालय में अर्जित उसकी क्रेडिट अन्य संस्थान से प्राप्त क्रेडिट में जुड़ जाएगी।
ऐसा इसलिए संभव हो पाएगा क्योंकि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त क्रेडिट को एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में ट्रांसफर यानी जमा करने जा रहा है। बीटेक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के क्रेडिट के बैंक में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में पंजीकरण प्रक्रिया विश्वविद्यालय ने पहले ही पूरी कर ली थी। अब उस बैंक में विद्यार्थियों का पंजीकरण किया जा रहा है, जिससे उनके द्वारा प्राप्त क्रेडिट को उसमें स्थानांतरित किया जा सके।
यह व्यवस्था विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाने वाले हर पाठ्यक्रम पर लागू होने जा रही है। इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से विश्वविद्यालय देश के उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल हो जाएगा, जिसका विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एकेडमिक क्रेडिट बैंक में खाता है।
क्रेडिट बैंक के लिए एमएमयूटी के पास है दो स्तरीय अर्हता
एकेडिमक बैंक आफ क्रेडिट में पंजीकरण के लिए भारत सरकार ने शिक्षण संस्थानों की बाकायदा अर्हता निर्धारित कर रखी है। सरकार के मुताबिक इसके लिए संस्थान के पास पास नैक (नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडेशन काउंसिल) का कम से कम ‘ए’ ग्रेड का प्रमाण-पत्र होना चाहिए या फिर राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड द्वारा न्यूनतम 675 अंकों के साथ संस्थान का कम से कम तीन पाठ्यक्रम प्रत्यायित हो।
इसके अलावा एक विकल्प विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सूचीबद्ध प्रत्यायन एजेंसी के समान प्रत्यायन, ग्रेड या प्राप्तांक प्राप्त होने का भी है। एमएमयूटी के पास इसकी दो स्तरीय अर्हता है। इसे नैक का ‘ए’ ग्रेड तो प्राप्त है ही, इसके चार पाठ्यक्रम कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से निर्धारित अंकों के साथ प्रत्यायित भी हैं।
कुलपति बोले
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मल्टीपल एंट्री-एग्जिट पालिसी के लागू होने का फायदा विद्यार्थियों को तभी मिलेगा, जब विश्वविद्यालय से अर्जित उनकी क्रेडिट संस्थान छोड़ने के बाद भी उनके साथ होगी। विद्यार्थियों को इसका लाभ देने के लिए विश्वविद्यालय का पंजीकरण एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में हो चुका है। अब विद्यार्थियों के पंजीकरण और उनके क्रेडिट के ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है। जल्द अपनी क्रेडिट के साथ विद्यार्थी दूसरे संस्थान में प्रवेश ले सकेंगे। इससे उनके करियर में क्रेडिट को लेकर कोई बाधा नहीं आएगी। प्रो. जेपी सैनी , कुलपति, एमएमयूटी

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