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    कोरोना का असर, नेपाल में फीका है दशहरा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:00 AM (IST)

    सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी की वजह से लोग घरों में ही पूजा कर रहे हैं।

    कोरोना का असर, नेपाल में फीका है दशहरा

    महराजगंज : दशहरे पर कोरोना का असर भारत ही नहीं नेपाल में भी दिख रहा है। वहां प्रमुख पर्वो में शुमार दशाइन (दशहरा) पर इस बार उल्लास की बजाय सन्नाटा नजर आ रहा है। सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी की वजह से लोग घरों में ही पूजा कर रहे हैं।

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    नेपाली मूल के लोग पूरे वर्ष दुनिया के किसी कोने में रहें लेकिन दशाइन पर अपने वतन जरूर लौटते हैं। मैदान से लेकर पहाड़ तक पूरा नेपाल 10 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा के साथ उत्सव के माहौल में डूबा रहता है। पहाड़ी अंचल में लोग पशुओं की बलि भी देते हैं, जिसके लिए बकरों व भैंसों के अलावा बत्तख की भी खूब बिक्री होती है। स्थानीय नेवार समुदाय के लोग नृत्य करके जश्न मनाते हैं। नवलपरासी निवासी रमचंद्र गुरूंग, प्रमिला थापा, रोमिला गुरूंग ने फोन पर बताया कि इस बार कोरोना के चलते सब कुछ फीका है। घर में ही पूजा पाठ व उत्सव का कार्यक्रम चल रहा है। भारत से ले जाते थे मां दुर्गा की प्रतिमाएं

    नेपाल में मां दुर्गा एवं अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भारत से ही जाती हैं। इसी को देखते हुए गत वर्ष तक बंगाली मूर्तिकार सीमावर्ती सोनौली, नौतनवा, बरगदवा, परसामलिक, झुलनीपुर आदि कस्बों में आते थे। उनसे प्रतिमाएं लेने के लिए नेपाल के नवलवरासी, रूपनदेही, कपिलवस्तु सहित अन्य जनपदों से लोग आते थे, लेकिन इस बार न तो बंगाली मूर्तिकार आए और न ही नेपाल से खरीदार। स्थगित हुआ नेपाली राष्ट्रपति का कार्यक्रम

    दशाइन में टीका पर्व का भी विशेष महत्व है। इसमें माता-पिता अपने बच्चों को तिलक लगाकर आशीर्वाद देते हैं, जिसकी विशेष तैयारी की जाती है। राजशाही के दौर में राजा आमजन को टीका लगाते थे। गणतंत्र घोषित होने के बाद इस परंपरा का निर्वहन राष्ट्रपति करने लगे। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते राष्ट्रपति का कार्यक्रम स्थगित रहेगा।