गोरखपुर में गिद्ध संरक्षण केंद्र का निर्माण अगले सप्ताह से, सरकार ने दी मंजूरी
संरक्षण केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। सीसी टीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। परिसर में एक गार्ड रूम जेनरेटर रूम प्रशासकीय भवन डिसप्ले एवियरी अस्पताल नर्सरी एवियरी ब्रीडिंग एवियरी फूड सेक्शन वेटेरीनरी सेक्शन शामिल होगा। शासन ने इसकी स्थापना की मंजूरी पहले ही दे दी थी।

गोरखपुर, जेएनएन। गिद्धों के संरक्षण के लिए कैंपियरगंज के भारी बैसी में बनने वाले प्रजनन केंद्र के ले-आउट को मंजूरी मिल गई है। 20 फरवरी से निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले निर्माण कराने के लिए एक सप्ताह के अंदर ई-टेंडरिंग के जरिए कार्यदायी संस्था के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
रेड हेडेड गिद्धों के संरक्षण और प्रजनन का पहला केंद्र
मुख्य रूप से रेड हेडेड गिद्धों के संरक्षण और प्रजनन का यह प्रदेश का पहला केंद्र होगा। अभी तक प्रदेश में कहीं भी रेड हेडेड गिद्धों के लिए संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र नहीं बनाया गया है। इसलिए प्रदेश का यह पहला केंद्र माना जा रहा है। हालांकि शासन ने इसकी स्थापना की मंजूरी पहले ही दे दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास भी कर चुके हैं। प्रजनन केंद्र के ले-आउट की मंजूरी के लिए पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को भेजा गया था। उन्होंने इस पर मुहर लगा दी है। पांच करोड़ की लागत से बनने वाले इस केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए पांच एकड़ भूमि चिन्हित की गई है।
10 जोड़े गिद्धों का होगा संरक्षण
इस केंद्र में 10 जोड़े गिद्धों का संरक्षण किया जाएगा। उनसे 15 साल के अंदर 40 गिद्ध पैदा कराकर छोड़े जाएंगे। रेड हेडेड गिद्धों के अलावा व्हाइट बैक्ड (जिप्स बैंगेसिस), लांग बिल्ड (जिप्स इंडिकस) और सिलेंडर बिल्ड (जिप्सी टेनुइरोस्ट्रिस) प्रजाति के गिद्धों को भी इस केंद्र में संरक्षित करने की योजना है।
होगा यह निर्माण
संरक्षण केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। सीसी टीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। परिसर में एक गार्ड रूम, जेनरेटर रूम, प्रशासकीय भवन, डिसप्ले एवियरी, अस्पताल, नर्सरी एवियरी, ब्रीडिंग एवियरी, फूड सेक्शन, वेटेरीनरी सेक्शन शामिल होगा। प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के ले-आउट को मंजूरी मिल गई है। बहुत जल्दी इसका निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू कराने से पहले की सारी औपचारिकता तेजी से पूरी की जा रही हैं।

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