UP के इस जिले में 2457 पदाधिकारी कांग्रेस को बूथ पर करेंगे मजबूत, 2027 चुनाव के लिए शुरू की तैयारी
कांग्रेस पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में है। जिले के 4100 से ज्यादा बूथों को मजबूत करने के लिए 2457 कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है। प्रत्येक कार्यकर्ता 15-20 गांवों की जिम्मेदारी संभालेगा। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने वाले को विधानसभा का टिकट मिलेगा। 2022 में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था लेकिन अब कांग्रेस मजबूत हो रही है।

41 सौ से ज्यादा बूथों पर होगी सीधी पकड़, प्रदेश नेतृत्व को भेजा जा रहा है सभी का नाम
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस 2457 पदाधिकारियों की सहायता से जिले के 41 सौ से ज्यादा बूथों पर खुद को मजबूत करेगी। जिला कांग्रेस कमेटी का दावा है कि मंडल में अध्यक्ष के साथ 20 पदाधिकारियों की कमेटी गठित कर ली गई है। पदाधिकारियों के नाम की संस्तुति के लिए सूची प्रदेश नेतृत्व को भेजी जा रही है। हर पदाधिकारी के जिम्मे 15 से 20 गांव रहेंगे।
जिला और महानगर कांग्रेस कमेटी को मजबूत करने के साथ ही मतदाताओं को जोड़ने के लिए पार्टी लगातार अभियान चला रही है। जगह-जगह बैठक कर लोगों को जोड़ा जा रहा है। प्रदेश नेतृत्व ने बूथ स्तर तक पार्टी को पहुंचाने के लिए मंडल कमेटियों के गठन का निर्देश दिया था।
तय किया गया कि मंडल कमेटियों का गठन इस तरह किया जाएगा कि हर गांव से एक व्यक्ति को जोड़ा जाए। यह व्यक्ति गांव में सक्रिय रहने वाला होगा ताकि पार्टी की रीति-नीति को आम भाषा में लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।
जिला पंचायत सदस्य बनो, विधानसभा का टिकट पाओ का है ऑफर
पिछले दिनों गोरखपुर आए कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा था कि जो कांग्रेस कार्यकर्ता जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतेंगे उनको विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद कांग्रेसियों में जबरदस्त उत्साह है। जिले में कई स्थानों से कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में नेताओं ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए बैनर-पोस्टर भी लगाना शुरू कर दिया है।
वर्ष 2022 में 20 हजार वोट भी नहीं मिले थे
कांग्रेस पार्टी को वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की नौ सीटों पर 20 हजार वोट भी नहीं मिले थे। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पार्टी को मजबूत करने के लिए गांवों में भी रुके। कई बार बूथ कमेटियों के साथ बैठक भी की लेकिन इसका फायदा वोट के रूप में नहीं मिला।
प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ ही छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी प्रचार के लिए आए थे लेकिन कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी और वरिष्ठों की अनदेखी ने डुबाे दिया। आलम यह रहा कि सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। तब बांसगांव में पूनम को 2050, शहर में डा. चेतना पांडेय को 2880, ग्रामीण विधानसभा में देवेंद्र निषाद महरा को 1492, पिपराइच में सुमन चौहान को 1971, कैंपियरगंज में सुरेंद्र निषाद को 2592, सहजनवां में मनोज यादव को 3315 वोट, खजनी में रजनी को 2197, चौरी चौरा में जितेंद्र पांडेय को 1741 और चिल्लूपार में सोनिया शुक्ला को मात्र 1378 वोट मिले। कुल मिलाकर कांग्रेस को 19 हजार 616 वोट ही मिले थे।
पार्टी ने पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। हमारी हर बैठक में जोश के साथ पदाधिकारी व कार्यकर्ता आ रहे हैं। महानगर संगठन के साथ बेहतर तालमेल का परिणाम और भाजपा सरकार से प्रति लोगों में बढ़ रही नाराजगी से कांग्रेस पार्टी तेजी से मजबूत हो रही है। बूथ स्तर तक की सभी तैयारी पूरी हो गई है। वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में इसका परिणाम दिखेगा।
-राजेश कुमार तिवारी, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी
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