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    Gorakhpur needs IIT: आइआइटी के बिना नहीं पूरी होगी स्पेशल एजुकेशन जोन की संकल्पना

    By Navneet Prakash TripathiEdited By:
    Updated: Sat, 11 Dec 2021 08:41 PM (IST)

    महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गोरखपुर में स्पेशल इकोनामिक जोन की तर्ज पर स्पेशल एजुकेशन जोन विकसित करने की घोषणा करके दैनिक जागरण की आइआइटी मुहिम का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर दिया है।

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    आइआइटी के बिना नहीं पूरी होगी स्पेशल एजुकेशन जोन की संकल्पना। प्रतीकात्‍मक फोटो

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गोरखपुर में स्पेशल इकोनामिक जोन की तर्ज पर स्पेशल एजुकेशन जोन विकसित करने की घोषणा करके दैनिक जागरण की आइआइटी मुहिम का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर दिया है। यह इस आधार पर कहा जा सकता है कि आइआइटी के बिना स्पेशल एजुकेशन जोन की संकल्पना साकार हो ही नहीं सकती। यह संकल्पना तभी पूरी होगी, जब हर तरह की उच्चीकृत शिक्षा इस क्षेत्र में मौजूद हो। चिकित्सा के क्षेत्र में एम्स की स्थापना हो चुकी है और अब एजुकेशन जोन बनाने के लिए गोरखपुर में आइआइटी की सख्त दरकार है। यह कहना है, तकनीकी शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का, जो गोरखपुर में आइआइटी की स्थापना को समय की मांग बता रहे हैं।

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    गोरखपुर में मिलने वाली सुविधा से लाभान्वित होता है बिहार व नेपाल भी

    विशेषज्ञों का कहना है कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से को कवर करता है। यहां मिलने वाली कोई भी सुविधा पश्चिमी बिहार और नेपाल तक के लिए प्रभावी होती है। ऐसे में अगर यहां आइआइटी खुल जाए तो एक बड़े क्षेत्र के मेधावियों को उच्चीकृत इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। गोरखपुर में आइआइटी की जरूरत तो लंबे समय से महसूस की जा रही है लेकिन अब जबकि देश में करीब दो दर्जन स्थानों पर आइआइटी की स्थापना हो चुकी है तो गोरखपुर में तो इसे होना ही चाहिए।

    आइआइटी की है अग्रणी भूमिका

    मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज के पूर्व प्राचार्य डा. पांडेय बीबी लाल कहते हैं कि यद्यपि अधिकांश इंजीनियरिंग संस्थान अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, बावजूद इसके आइआइटी ने इस क्षेत्र में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। ऐसे में देश में अधिक से अधिक संख्या में आइआइटी खोली जानी चाहिए। गोरखपुर में तो इसकी स्थापना की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही। अब वह समय आ गया है कि इसमें बिल्कुल देर नहीं होनी चाहिए। स्पेशल एजुकेशन जोन बनाने के लिए गोरखपुर में आइआइटी की महती जरूरत है।

    आइआइटी की बात ही कुछ और है

    मालवीय एलुमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एमएस दास कहते हैं कि इन दिनों इंजीनियरिंग संस्थानों की संख्या बहुत बढ़ गई है लेकिन मेरा मानना है कि आइआइटी की बात कुछ और है। आज भी तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आइआइटी का मानक अन्य कोई तकनीकी संस्थान नहीं पूरा कर सकता। दरअसल इस संस्थान की उच्चीकृत व्यवस्था से तकनीकी शिक्षा का स्तर तो उठता ही है, क्षेत्र भी बौद्धिक रूप से समृद्ध होता है। स्पेशल एजुकेशन जोन बनेगा तो आइआइटी खुलेगा ही, ऐसी उम्मीद करता हूं।

    आइआइटी स्‍थापना से ही पूरा होगा गोरखपुर को स्‍पेशल एजुकेशन जोन बनाने का सपना

    मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज के पूर्व शिक्षक डा. आरपी मणि ने कहा कि गोरखपुर में स्पेशल एजुकेशन जोन बनाए जाने की खबर में मन बहुत खुश है। पूरी उम्मीद है कि इसके स्थापित होने से गोरखपुर में आइआइटी की स्थापना भी हो ही जाएगी। एम्स की स्थापना में बेहतर चिकित्सा शिक्षा का विकल्प तो गोरखपुर के मेधावियों के खुल गया लेकिन बेहतर तकनीकी शिक्षा के लिए आइआइटी की दरकार अभी भी बनी हुई है। जागरण की मुहिम के साथ मैं पूरे दिल से हूं। उम्मीद करता हूं कि यह मुहिम रंग लाएगी।

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    स्पेशल एजुकेशन जोन का मतलब हर तरह की शिक्षा का क्षेत्र

    मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने स्पेशल एजुकेशन जोन की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए बताया है कि इस जोन में हर तरह की शिक्षा का विकल्प खुला रहेगा। शिक्षा में शोध को बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर गोरखपुर शैक्षिक संस्थानों का हब बनेगा। इसके स्थापित होने से शिक्षा के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।