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    पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर रखी परिवाद पुस्तिका के नहीं भर रहे पन्ने, रेल मदद ऐप पर बढ़ीं शिकायतें

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 04:32 PM (IST)

    रेलवे स्टेशनों पर रखे परिवाद पुस्तिका पर शिकायतें दर्ज न होने से उनके पन्ने ही नहीं भर रहे। वहीं शिकायतें मिलती भी हैं तो इनमें सर्वाधिक लेटलतीफी ट्रेनों की गलत सूचना व वातानुकूलन की मिलती हैं। बात करें गोरखपुर जंक्शन की तो यहां पर परिवाद पुस्तिका में पिछले साल सिर्फ 36 शिकायतें दर्ज हुईं जबकि इस साल जनवरी से अभी तक महज 24 शिकायतें दर्ज हुई हैं।

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    स्टेशनों पर रखी परिवाद पुस्तिका के नहीं भर रहे पन्ने। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। इसे डिजिटल प्लेटफार्म की तरफ लोगों का बढ़ता आकर्षण कहें या विभागीय उदासीनता। पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर रखी गई परिवाद पुस्तिका भर नहीं पा रही, जबकि रेल मदद एप व हेल्पलाइन नंबर-139 पर लगातार शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन के यात्री मित्र कार्यालय में रखी गई परिवाद पुस्तिका में प्रतिदिन लगभग तीन शिकायतें ही आती हैं।

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    गोरखपुर में पिछले साल दर्ज हुईं सिर्फ 36 शिकायतें

    पिछले एक साल में सिर्फ 36 शिकायतें दर्ज हुई थीं। इस वर्ष जनवरी से अब तक तक महज 24 शिकायतें आई हैं। परिवाद पुस्तिका पर यात्री सर्वाधिक ट्रेनों की लेटलतीफी, गलत सूचना और वातानुकूलन की ही शिकायत दर्ज कराते हैं। नौ जनवरी 2023 को यात्री रामचंद्र विनायक ने गोरखपुर में परिवाद पुस्तिका में चौरी चौरा एक्सप्रेस की लेटलतीफी को लेकर शिकायत दर्ज की थी। उनका आरोप था कि ट्रेन रात 02.50 बजे रवाना हुई और उन्हें इसकी जानकारी 12:50 पर दी गई।

    आनलाइन व्यवस्था की तरफ बढ़ा यात्रियों का रुझान

    रेलवे ने 17 जनवरी को शिकायतकर्ता के पते पर चिट्ठी लिख ट्रेन के विलंबन की जानकारी दी थी। वहीं, रेल मदद एप पर मिलीं शिकायतों का 10 से 15 मिनट में निस्तारण के साथ यात्री के मोबाइल फोन पर सूचना भी उपलब्ध करा दी जाती है। त्वरित निस्तारण से आनलाइन व्यवस्था की तरफ यात्रियों का रुझान बढ़ा है। पूर्वोत्तर रेलवे को रेल मदद एप पर एक माह में करीब सात हजार शिकायतें मिल जाती हैं। रोजाना लगभग 230 से 240 शिकायतें आती हैं, जिनमें सर्वाधिक 16 प्रतिशत अनधिकृत यात्रा की होती हैं।

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    शिकायतों और सुझाव के लिए सभी रेलवे स्टेशनों पर रखी गई है परिवाद पुस्तिका

    ट्रेनों की लेटलतीफी की शिकायत करीब 15 प्रतिशत, विद्युत व एसी की 14, कोच में गंदगी की 14 और बेडरोल से संबंधित 12 प्रतिशत शिकायतें होती हैं। रेलवे की कुल शिकायतों में से 80 प्रतिशत ट्रेन से संबंधित ही होती हैं, जबकि 20 प्रतिशत स्टेशन की होती है। शिकायतों और सुझाव के लिए सभी रेलवे स्टेशनों के मैनेजर के पास परिवाद पुस्तिका रखी रहती है। गोरखपुर जंक्शन पर यात्री मित्र कार्यालय में रखी गई है। ट्रेनों में गार्ड (ट्रेन मैनेजर) और कोच कंडक्टर के पास परिवाद पुस्तिका होती है। गोरखपुर से प्रतिदिन एक लाख लोग आवागमन करते हैं। डिजिटल प्लेटफार्म पर रेल मदद एप, पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 139 है।

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    क्या कहते हैं अधिकारी

    पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाता है। रेल मदद एप पर मिलीं शिकायतों का 10 से 15 मिनट में निस्तारण हो जाता है। इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे भारतीय रेलवे स्तर पर पहले स्थान पर बना हुआ है। फीडबैक मिलने से यात्री सुविधाएं और बेहतर हुई हैं।

    इस वर्ष परिवाद पुस्तिका में ऐसे मिली हैं शिकायतें

    जनवरी में एक, फरवरी में दो, मार्च में एक, अप्रैल में दो, मई में चार, जून में तीन, जुलाई में पांच, अगस्त में दो, सितंबर में चार।

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