Gorakhpur News: महंत दिग्विजयनाथ व अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह में आएंगे संत-महंत, सात दिन चलेगा कार्यक्रम
गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की 55वीं और 10वीं पुण्यतिथि पर सात दिवसीय आयोजन की तैयारी शुरू। 15 सितंबर से शुरू होने वाले इस समारोह में देशभर के संत-महंत शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम की शुरुआत और समापन में मौजूद रहेंगे। आमंत्रित किए जाने वाले अतिथियों और संतों-महंतों के नाम तय कर लिए गए हैं। जानिए इस आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखनाथ में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयना की 55वीं और महंत अवेद्यानाथ की 10 पुण्यतिथि के अवसर पर सात दिवसीय परंपरागत आयोजन की तैयारी शुरू हो चुकी है। 15 सितंबर से शुरू होने वाले पुण्यतिथि समारोह में आमंत्रित किए जाने वाले अतिथियों और संतों-महंतों के नाम तय कर लिए गए हैं।
मंदिर प्रबंधन की ओर से उन्हें आमंत्रित भी किया जा रहा है। आमंत्रित किए जाने वाले अतिथियों की सूची के मुताबिक समारोह का मंच देशभर के संतों-महंतों से सजने वाला है। कार्यक्रम शुरुआत व समापन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति महत्वपूर्ण होगी। सात दिवसीय समारोह का समापन 20 व 21 सितंबर को श्रद्धांजलि सभा के आयाेजन के साथ होगा।
जिन संतो-महंतों का नाम सूची में शामिल है, उनमें महंत राघवाचार्य, स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य, हरियाणा के शेरनाथ व बालकनाथ, डा. रामविलास वेदांती, स्वामी वासुदेवाचार्य, महंत नरहरिदास, डा. रामकमल दास, आगरा के ब्रह्मचारी दासलाल, अयोध्या के महंत अवधेश दास, महंत धर्मदास, सुरेशदास, महंत नारायण गिरि, स्वामी विद्या चैतन्य जैसे संत-महंत शामिल हैं।
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इसके अलावा सात दिवसीय पुण्यतिथि समारोह में पहले पांच दिन आयोजित होने वाली संगोष्ठी के विषय व मुख्य अतिथि के नाम भी तय कर लिए गए हैं। पहले दिन के आयोजन के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानंद गुप्त होंगे।
अन्य दिनों में आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता व विशिष्ट वक्ता के रूप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. अमरेश दुबे, उच्च शिक्षा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा, गोरखपुर विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा व डा. पद्मजा सिंह की मौजूदगी रहेगी। समारोह के लिए तैयार रूपरेखा के अनुसार सात दिन तक चलने वाले श्रीमद्भावगत महापुराण कथा ज्ञान-यज्ञ की शुरुआत 14 सितंबर से होगी और उसका समापन मुख्य आयोजन के समापन से एक दिन पूर्व यानी 20 सितंबर को होगा।
अंतिम दो दिन होंगे श्रद्धांजलि सभा के नाम
समारोह के अंतिम दो दिन श्रद्धांजलि सभा के नाम होंगे। 20 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी। 21 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि दी जाएगी। संगोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत का समय सुबह 10:00 निर्धारित किया गया है। व्याख्यान और कथा दोनों का आयोजन स्थल मंदिर का महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में होगा।
डा. रामकमल दास वेदांती सुनाएंगे श्रीमद्भावगत कथा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 14 सितंबर को शाम तीन बजे श्रीमद्भावगत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ व्यासपीठ पर श्रीमद्भावगत महापुराण और उसके समक्ष अखंड ज्योति की प्रतिष्ठा के साथ होगा। 20 सितंबर तक चलने वाली संगीतमय कथा शाम तीन से छह बजे के बीच आयोजित होगी। कथा सुनाने के लिए व्यासपीठ पर वाराणसी के संत डा. रामकमल दास वेदांती विराजमान होंगे।
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तिथिवार विषय, अतिथि व वक्ता
15 सितंबर : लोकतंत्र की जननी भारत : मुख्य अतिथि - हरिवंश नारायण सिंह, मुख्य वक्ता प्रो. सनानंद गुप्त
16 सितंबर : विश्व की तीसरी बड़ी शक्ति बनने की ओर भारत : मुख्य वक्ता- प्रो. अमरेश दुबे व विशिष्ट वक्ता- प्रो. हर्ष सिन्हा
17 सितंबर : सामाजिक समरसता : महायोगी गोरखनाथ व नाथ पंथ के संदर्भ में : मुख्य वक्ता प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा व विशिष्ट वक्ता डा. पद्मजा सिंह
18 सितंबर : संस्कृत और भारतीय संस्कृति : संत-महंत
19 सितंबर : भारतीय संस्कृति और गोसेवा : संत-महंत
20 सितंबर : ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा
21 सितंबर : ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा