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गोरखपुर में 33 करोड़ रुपये की 25 एकड़ सरकारी जमीन पर बस गई कालोनी, डीएम सख्‍त हुए तो कालोनाइजर्स पर दर्ज हुआ मुकदमा

गोरखपुर में सीलिंग की जमीन पर पूरी कालोनी बस गई है। मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद जमीन रजिस्ट्री कराने वालों में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने दोछह लोगों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करके जालसाजी और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने का केस दर्ज किया था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 11:19 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 08:27 PM (IST)
गोरखपुर में 33 करोड़ रुपये की 25 एकड़ सरकारी जमीन पर बस गई कालोनी, डीएम सख्‍त हुए तो कालोनाइजर्स पर दर्ज हुआ मुकदमा
गोरखपुर में सील‍िंग की जमीन पर कालोनी बसा दी गई। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के महादेव झारखंडी टुकड़ा नंंबर तीन में बेची गई सीलिंग की जमीन पर पूरी कालोनी बस गई है। जालसाजों ने जिन लोगों को बैनामा किया है उसमें अधिकांश ने मकान बनवा लिया है।मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद जमीन रजिस्ट्री कराने वालों में हड़कंप मच गया है। कैंट पुलिस ने दो महिला समेत छह लोगों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करके जालसाजी और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने का केस दर्ज किया था। आरोपितों ने 33 करोड़ रुपये कीमत की करीब 25 एकड़ सीलिंग की जमीन पिछले 10 साल में बेच दी है।

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जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती, तेज हुई आरोपितों की तलाश

जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द के आदेश पर कैंट पुलिस ने पवन प्रापर्टी डीलर एवं कालोनाइजर्स के रामलाल पासवान, सिमिरती देवी, जगदीश यादव, रमाशंकर पासवान, आशा देवी के खिलाफ केस दर्ज किया। कैंट पुलिस की छानबीन में पता चला कि महादेव झारखण्डी टुकड़ा नंबर तीन में स्थित आराजी नंबर 100, 102, 103, 745, 750, 747, 750,751 में न्यायालय का स्थगन आदेश है। इसके बावजूद इस विवादित भूमि पर प्लाटिंग करके आरोपितों ने करीब 25 एकड़ जमीन बेच दी है। जिसकी कीमत सर्किल दर से 33 करोड़ रुपये आंकी गई है।

जालसाजों ने स्थगन व सीलिंग की बात छिपाकर बेची है जमीन

जालसाजों के झांसे में आकर सीलिंग की जमीन खरीदने वाले अधिकांश लोगों ने मकान बनवा लिया है।बलिया जिले के सहतवार निवासी विश्वजीत वर्मा ने बताया कि 2015 में अपने भाई के साथ जमीन लिया था। एक सप्ताह पहले मकान बनवाना शुरु किया हूं।खरीदते समय जालासाजों ने नहीं बताया कि यह जमीन सीलिंग की है। रजिस्ट्री के बाद खारिज दाखिल रुकने पर पता चला कि मामला न्यायालय में लंबित है। पूछने पर बेचने वाले ने बताया कि फैसला अपने पक्ष में आने वाला है।पीपीगंज निवासी संजय सिंह ने वर्ष 2014 में जमीन लिया था उनका भी दाखिल-खारिज नहीं हुआ।

जालसाजी करके सीलिंग की जमीन बेचने वाले आरोपितों की तलाश चल रही है।नामजद आरोपितों के अलावा विवेचना में जो लोग भी दोषी मिलेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।योजनाबद्ध तरीके से जिन लोगों ने भी यह अपराध किया है उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करके संपत्ति जब्त कराई जाएगी। - डा. विपिन ताडा, एसएसपी।


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