UP News: गोरखपुर में बोले सीएम योगी, सिख गुरुओं ने दिया भारत, भारतीयता और सनातन धर्म के लिए बलिदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख गुरुओं ने भारत भारतीयता और सनातन धर्म के लिए बलिदान दिया। गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर पैडलेगंज गुरुद्वारा में सुंदरीकरण कार्य का उद्घाटन करते हुए उन्होंने सिख परंपरा के प्रति निष्ठा व्यक्त की। उन्होंने गुरु तेग बहादुर के बलिदान वर्ष और गुरु गोबिंद सिंह के साहबजादों के बलिदान दिवस का भी उल्लेख किया।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख गुरुओं ने भारत, भारतीयता और सनातन धर्म के लिए अपना बलिदान दिया। जब भी सनातन धर्म पर संकट आया, इन गुरुओं ने अपने को बलिदान करने से संकोच नहीं किया।
मुख्यमंत्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व पर रविवार को पैडलेगंज गुरुद्वारा में प्रदेश सरकार द्वारा 2.34 करोड़ रुपए से कराए गए सुंदरीकरण कार्य का उद्घाटन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इतिहास में वही जाति जीवित रहती है जो अपने पूर्वजों के शौर्य, योगदान व पराक्रम को अपने जीवन का हिस्सा बनाती है। सिखों की प्रगति का आधार भी गुरु परंपरा के प्रति अगाध निष्ठा है।
उन्होंने पूरे देश की जनता को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह वर्ष गुरु तेग बहादुर के बलिदान का 350वां वर्ष है, पूरे देश व दुनिया में गुरु के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री आवास में कीर्तन हुआ और इसके बाद कीर्तन करते हुए मंडली दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारा तक पहुंची।
गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर भी मुख्यमंत्री आवास में कीर्तन आयोजित किया गया। सिख बंधुओ की लंबे समय से मांग रही की गुरु गोबिंद सिंह के चार साहबजादों के बलिदान दिवस पर कोई तिथि घोषित की जाए। उनका सम्मान करते हुए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषित किया। जब हम एक स्वर से काम करते हैं तो उसके परिणाम भी सामने आते हैं।
कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के चार साहबजादे थे। पहले व दूसरे नंबर के साहबजादे युद्ध करते मारे गए। तीसरे और चौथे नंबर के साहबजादों को दुष्ट औरंगजेब ने कैद कर लिया था। उन्हें लोभ दिया की रियासत भी मिल जाएगी और जान भी बख्श देंगे। लेकिन उन बच्चों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
कहा कि हम इसका क्या करेंगे। जब दोनों बच्चों को दीवार में चुनवाया जा रहा था तो बड़े बच्चे की आंख से आंसू आ गए। छोटे ने पूछा कि तुम रो क्यों रहे हो। बड़े ने कहा कि इस दुनिया में पहले मैं आया था और तुम जा रहे हो। पहले मुझे ही जाना चाहिए था।
उन्होंने अपना बलिदान दे दिया लेकिन विधर्मियों के सामने झुके नहीं। यह गौरवशाली इतिहास सिखों का है। उन्होंने अपने लिए नहीं देश व सनातन धर्म के लिए बलिदान दिया। आज हम सब का दायित्व है कि उन सिख गुरुओं के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करें। सरकार ने शहर के तीनों गुरुद्वारों जटाशंकर, मोहद्दीपुर और पैडलेगंज का सुंदरीकरण कराया है।
यह सिख गुरु परंपरा के प्रति सम्मान और श्रद्धा है। इसके पूर्व मुख्यमंत्री को शाल व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। एमएलसी धर्मेंद्र सिंह व सांसद रविकिशन शुक्ला ने भी संबोधित किया। संचालन जगनैन सिंह नीटू ने किया।
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