Indian Railway News: गोमतीनगर एक्सप्रेस में भूख से रो रहा था बच्चा, गर्म पानी लेकर पहुंच गए रेलकर्मी
पूर्वोत्तर रेलवे पर 'रेल मदद' से प्राप्त परिवादों के निस्तारण में फीडबैक 100 प्रतिशत रहा। प्रतिदिन यात्रियों से संबंधित विभिन्न प्रकार के परिवादों का निस्तारण किया जाता है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर के रास्ते कामाख्या से गोमतीनगर जा रही 15077 नंबर की एक्सप्रेस के कोच नंबर बी आठ में यात्रा कर रहे यात्री अपने छह माह के बच्चे को लेकर परेशान थे। बच्चा भूख के मारे रो रहा था। यात्री के पास दूध का पाउडर तो था, लेकिन गर्म पानी नहीं होने से दूध तैयार नहीं हो पा रहा था।
परेशान यात्री ने रेल मदद एप पर रेलवे से गर्म पानी उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। रेलवे प्रशासन ने यात्री के गुहार को तत्काल संज्ञान में लिया और छपरा स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही रेलकर्मी गर्म पानी लेकर यात्री के पास पहुंच गए। यात्रियों ने कहा, थैक्स रेलवे।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 12553 वैशाली एक्सप्रेस के कोच संख्या एस चार में हाजीपुर से नई दिल्ली के लिए यात्रा कर रहे एक यात्री ने परिवाद दर्ज किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी माता जी का फोन काल नहीं लग रहा है। रेलवे सुरक्षा बल के जवान यात्री के पास पहुंच उनकी मां से फोन पर बातचीत करायी।
15033 नंबर की पाटलिपुत्र-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस के शयनयान श्रेणी के कोच संख्या डी टू में पाटलिपुत्र-लखनऊ जंक्शन के लिए यात्रा कर रहे एक यात्री ने रेल मदद पर एक परिवाद दर्ज किया, जिसमें उन्होंने चार्जिंग प्वाइंट कार्य नही करने का कारण बताया।
रेलवे प्रशासन ने यात्री के परिवाद पर त्वरित कार्रवाई करते हुए छपरा स्टेशन पर उनके परिवाद को दूर किया। यह तो महज कुछ उदाहरण हैं। 25 जून को रेल मदद एप और रेलवे हेल्प लाइन नंबर 139 पर पूर्वोत्तर रेलवे को मिले 497 परिवाद में सभी रेल यात्रियों की मदद की गई।
पूर्वोत्तर रेलवे पर 'रेल मदद' से प्राप्त परिवादों के निस्तारण में फीडबैक 100 प्रतिशत रहा। प्रतिदिन यात्रियों से संबंधित विभिन्न प्रकार के परिवादों का निस्तारण किया जाता है। रेल मदद एप से प्राप्त परिवादों के उच्चस्तरीय निगरानी के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडल लखनऊ, वाराणसी एवं इज्जतनगर में कंट्रोल रूम में ‘रेल मदद‘ वार जोन स्थापित किया गया है।
इसकी निगरानी 24 घंटे मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सुपरवाइजरों द्वारा की जा रही है। किसी भी प्रकार के परिवादों का शत-प्रतिशत निस्तारण न्यूनतम समय में किया जा रहा है। परिवादों के तत्काल एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कर यात्री संतुष्टि के शत-प्रतिशत लक्ष्य को निरंतर प्राप्त किया जा रहा है।
यहां जान लें कि पूर्वोत्तर रेलवे मदद करने में भारतीय रेलवे स्तर पर पिछले चार साल से अव्वल नंबर पर है। रेल मदद एप पर मिले परिवादों का दस से 15 मिनट में निस्तारण कर दिया जाता है।
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