CBSE: छात्रों को बताएंगे समोसा कचौड़ी, चिप्स के नुकसान; बढ़ते मोटापे को देख बोर्ड ने उठाया कदम
सीबीएसई ने बढ़ते मोटापे को देखते हुए स्कूलों में आयल बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि बच्चे तेल वाले खाने के नुकसान जान सकें। बोर्ड का मानना है कि आजकल बच्चे तला-भुना खाना ज्यादा खाते हैं जिससे मोटापा बढ़ रहा है। स्कूलों में संतुलित आहार और सक्रिय जीवनशैली के बारे में सिखाया जाएगा। बोर्ड ने स्कूलों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करने के लिए सुझाव दिए हैं।

प्रभात कुमार पाठक, जागरण गोरखपुर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बढ़ते मोटापे को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड की ओर से सभी स्कूल प्रमुखों को स्कूलों में ‘आयल बोर्ड’ लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि बच्चे ज्यादा तेल वाले खाने से होने वाले नुकसान के बारे में जान सकें। यह कदम पूर्व में जारी ‘शुगर बोर्ड’ से संबंधित सर्कुलर का विस्तार है।
बोर्ड का मानना है कि आजकल बच्चे ज्यादा तला-भुना खाना खाते हैं और शारीरिक गतिविधियां बहुत कम करते हैं। इससे मोटापा बढ़ रहा है। इसलिए स्कूलों में बच्चों को संतुलित आहार, कम तेल वाला खाना और सक्रिय जीवनशैली के बारे में सिखाया जाएगा।
इससे वे बचपन से ही सेहतमंद रहने की अच्छी आदत सीख सकेंगे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि आयल बोर्ड पर बताना होगा कि समोसा, कचौरी, चिप्स, वड़ा पाव जैसे अधिक तले भोजन में कितना तेल, कैलोरी व फैट होता है, जिसे वे खा रहे हैं। इसका चार्ट बनाकर स्कूल में लगाना होगा।
सीबीएसई ने स्कूलों को सुझाव दिया है कि वे छात्रों व कर्मचारियों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूल परिसर में आयल बोर्ड लगाएं। इसके लिए बोर्ड ने स्कूलों को कुछ नमूना डिजाइन कर भी उपलब्ध कराएं हैं, जिन्हें स्कूल अपनी जरूरत के अनुसार बदल सकते हैं। साथ ही, छात्र भी अनुभव आधारित शिक्षा के तौर पर ऐसे बोर्ड बनाकर हिस्सा ले सकते हैं।
इसके अलावा शिक्षक स्वस्थ भोजन व व्यायाम को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को फल, सब्जियां और कम वसा वाला खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को सीढ़ियां चढ़ने, छोटे व्यायाम और पैदल चलने जैसी गतिविधियाें के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
सीबीएसई के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पांच में से एक से ज्यादा वयस्क अधिक वजन व मोटापे से ग्रस्त हैं। भारत में अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ से बढ़कर 2050 तक 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है। इसके पूर्व सीबीएसई ने स्कूलों में छात्रों को मधुमेह की बीमारी से बचाव के लिए शुगर बोर्ड लगवाए थे।
स्कूल परिसर में इन स्थानों पर लगाए जाएंगे बोर्ड
सीबीएसई ने स्कूलों से कहा है कि वे अपने छात्रों और कर्मचारियों को तेल वाले खाने के नुकसान और सेहतमंद जीवनशैली के बारे में जागरूक करें। इसके लिए आयल बोर्ड लगाना स्कूलों के कैफेटेरिया, लाबी, मीटिंग रूम जैसे सार्वजनिक जगहों पर आयल बोर्ड या पोस्टर लगाए जाएं, जिससे बच्चे और स्टाफ समझ सकें कि ज्यादा तेल वाला खाना सेहत के लिए हानिकारक है। इसके अलावा स्कूल अपनी स्टेशनरी लेटरहेड, लिफाफे व नोटपैड पर भी स्वास्थ्य संबंधी संदेश प्रिंट करें, ताकि हेल्दी रहने की याद हर बार मिले।
बोर्ड की यह पहल सराहनीय है। बचपन से ही यदि बच्चे स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहेंगे तो आगे चलकर वह बीमारियाें से अपना बचाव कर सकेंगे। आयल बोर्ड लगाने को लेकर बोर्ड का उद्देश्य विद्यार्थियों को ज्यादा तेल वाले खाने से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक करना है।
-अजित दीक्षित, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई
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