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CAA Protest in Gorakhpur : बाहरियों के उकसावे पर शहरियों ने किया बवाल !

CAA Protest in Gorakhpur गोरखपुर में हुए बवाल में आशंका है कि बाहरी लोगों ने आकर शहर की आबो हवा खराब की।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 03:24 PM (IST)
CAA Protest in Gorakhpur : बाहरियों के उकसावे पर शहरियों ने किया बवाल !
CAA Protest in Gorakhpur : बाहरियों के उकसावे पर शहरियों ने किया बवाल !

गोरखपुर, जेएनएन। जुमे के दिन, दोपहर की नमाज से पहले सब कुछ ठीक चल रहा था। माहौल शांत रहने को लेकर पुलिस पूरी तरह से आश्वस्त भी थी। जिम्मेदार लोगों ने शांति कायम रखने का भरोसा भी दिया था। अलबत्ता जामा मस्जिद के पास कुछ युवा सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में काली पट्टी बांध रहे थे और काली पट्टी बांध कर ही नमाज अदा करने का निर्णय ले रहे थे, लेकिन उनके उपद्रव करने का कोई संकेत नहीं था। ऐसे में अचानक बवाल कैसे भड़क गया? इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश में बाहरी तत्वों के स्थानीय युवकों को उकसाने के संकेत मिले हैं। इस दिशा में जांच-पड़ताल की जा रही है। एडीजी रेंज जय नारायण सिंह ने कहा कि ठोस प्रमाण मिलने पर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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सुबह से बंद करा रहे थे दुकानें

शुक्रवार को सुबह से ही शाहमारूफ इलाके में सक्रिय कुछ युवकों का समूह, दुकानें बंद कराने लगा था। अचानक उन्होंने काली पट्टी बांध कर सीएए लागू करने के सरकार के फैसले का विरोध करने नमाज अदा करने का निर्णय लिया। सभी एक-दूसरे के हाथ में काली पट्टी बांधने लगे। बाद में उन्हीं युवकों ने जामा मस्जिद के आसपास और शाहमारूफ मोहल्ले में इधर-उधर टहल रहे दूसरे लोगों को भी काली पट्टी बांधी और इसे बांधकर ही नमाज अदा करने के लिए कहना शुरू कर दिया।

एलआइयू ने भेजी थी रिपोर्ट

बताते हैं कि इसकी सूचना मिलने पर सक्रिय हुई एलआइयू की टीम ने अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें कुछ बाहरी लोगों के काली पट्टी बांधने की शुरुआत करने और स्थानीय युवकों को भी ऐसा ही करने के उकसाने की रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र था कि नमाज के बाद बवाल के लिए उन युवकों को भड़काया भी जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने नमाज खत्म होने के बाद उन बाहरी तत्वों को चिह्नित कर गिरफ्तार करने का फैसला लिया था, लेकिन इससे पहले ही बवाल शुरू हो गया।

बाहरी युवक थे सक्रिय

इस बीच पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि कुछ बाहरी तत्व पिछले कई दिनों से कुछ खास व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज डालकर गोरखपुर के युवकों को सीएए के विरोध में बवाल करने के लिए उकसा रहे थे। कुछ युवकों से बाहरी तत्वों के फोन से संपर्क कर उपद्रव करने के लिए उकसाने का भी संकेत मिला है। बताते हैं कि यहां के युवकों को उकसाने वाले, सीएए को लेकर दूसरे शहरों में हो रहे बवाल का हवाला देकर उन्हें भड़का रहे थे। नतीजा यह हुआ कि जिम्मेदार लोगों के समझाने-बुझाने के बाद भी शुक्रवार को दोपहर की नमाज के बाद नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।

पथराव के लिए एकत्र की गई थी खास तरह की ईंट

पथराव के बाद पुलिस ने सड़क पर बिखरी ईंटों के साथ ही दरवाजों के सामने जमा ईंटों एकत्र कराया है। इनकी जांच में यह बात सामने आई है कि ये ईंटें ऐसी थीं, जो थोड़ी सी ऊंचाई से गिराने पर चार से पांच टुकड़ों में टूट जाएं और उन टुकड़ों का पथराव करने में आसानी से इस्तेमाल किया जा सके।

नाम बताया पंकज, बोला अल्ला कसम मैंने नहीं चलाए पत्थर

बवाल पर काबू पाने के बाद पुलिस वाले पत्थरबाजों की गिरफ्तारी में जुटे थे। एक टीम में सदर तहसीलदार भी शामिल थे। उन्होंने संदेह के आधार पर एक युवक को रोका। पूछने पर उसने अपना नाम पंकज तिवारी बताया। पिता का नाम पूछने पर कुछ देर सोचने के बाद गौरी तिवारी बताया। इसी बीच एक पुलिस वाले ने कहा कि 'साहब यह भी पत्थरबाजी कर रहा था। पथराव करते इसे मैंने खुद देखा है।Ó सिपाही के इतना कहते ही उस युवक के मुंह से निकल पड़ा अल्ला कसम मैं पत्थर नहीं चला रहा था। इस जुमले ने उसका भेद खोल दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

जो मिलता गया उसे पकड़ते गए, फोटो न मिलने पर छोड़ भी दिया

पत्थरबाजों की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार की रात से शुरू हुई पुलिस की दबिश शनिवार को दिन में भी जारी रही। पैदल गश्त के दौरान पुलिस वाले जिस पर जरा भी संदेह हो रहा था उसे हिरासत में ले ले रहे थे। सभी को कोतवाली थाने लाया जा रहा था। उनके चेहरे का मिलान सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे पत्थरबाजों से कराया जाता था, जिसका चेहरा नहीं मिल रहा था, उसे उसके अभिभावक को बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया जा रहा था। सुबह से शुरू हुआ यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। संदेह के आधार पर 50 से अधिक लोग पकड़े गए थे, इनमें से 24 को जांच पड़ताल के बाद छोड़ दिया गया।

लोगों ने किया एतराज

पैदल गश्त के दौरान पुलिस ने दुकानों में काम कर रहे कई युवकों को हिरासत मे लिया। उपद्रव प्रभावित इलाके में मोहल्लों से भी कई हिरासत में लिए गए हैं। दुकानों और मोहल्लों से शनिवार को हिरासत में लिए जाने को लेकर लोगों को एतराज था। काफी लोगों ने पुलिस अधिकारियों से इस पर बात कर आपत्ति भी जताई। जवाब में अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि संदेह के आधार पर लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। उनके चेहरे का मिलान, सीसी टीवी फुटेज में पत्थरबाजी कर रहे युवकों से कराया जाएगा। फुटेज से पथराव में शामिल होने का प्रमाण न मिलने पर उन्हें छोड़ दिया जाएगा।

हिरासत में लिए गए युवकों का चेहरा सीसीटीवी फुटेज से मिलान कराने के लिए कोतवाली थाने में तीन दारोगाओं की टीम लगाई गई थी। यह टीम एक-एक कर सभी के चेहरे का मिलान करा रही थी। पथराव में जिसके शामिल होने का प्रमाण नहीं मिल रहा था, उसके अभिभावक को बुलाकर इस शर्त के साथ उसे छोड़ दिया जा रहा था कि बाद में यदि उपद्रव में शामिल होने का प्रमाण मिलता है तो वे उसे पुलिस के सामने पेश करेंगे।

उपद्रव के दौरान मैसेज भेजने वाले भी लिए जा रहे हिरासत में

पत्थरबाजों और उपद्रवियों को चिह्नित करने के लिए पुलिस ने नखास इलाके में बवाल के दौरान काम कर रहे मोबाइल फोन की टावर लोकेशन और कॉल डिटेल निकलवाई है। बवाल के दौरान जिन लोगों ने बड़ी संख्या में मैसेज भेजा है या फिर कई लोगों को फोन किया है, उन्हें भी हिरासत में लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि बवाल को और भड़काने के लिए ताबड़तोड़ मैसेज किए गए हैं और लोगों को फोन किए गए हैं।


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