गोरखपुर के इस रबर डैम पर गोलियों का नहीं होगा असर, इसी माह सीएम करेंगे उद्घाटन Gorakhpur News
खाद कारखाना को पर्याप्त पानी की आपूर्ति के लिए चिलुआताल के किनारे रबर डैम का निर्माण किया गया है। इसमें आधे घंटे में हवा भरी जा सकती है। जरूरत के अनु ...और पढ़ें

गोरखपुर, जेएनएन। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में बनाए गए रबर डैम (बांध) का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार के रसायन व उर्वरक मंत्री उद्घाटन करेंगे। सोमवार को नई दिल्ली में एचयूआरएल के अफसरों की बैठक में 12-15 जनवरी के बीच उद्घाटन का निर्णय लिया गया। अफसरों ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री से समय मांगा है। खाद कारखाना को पर्याप्त पानी की आपूर्ति के लिए चिलुआताल के किनारे रबर डैम का निर्माण किया गया है। चिलुआताल में बना रबर बांध 65 मीटर लंबा और दो मीटर ऊंचा है। इसमें आधे घंटे में हवा भरी जा सकती है। जरूरत के अनुसार हवा कम की जा सकती है।
28 करोड़ रुपये होंगे खर्च
दक्षिण कोरिया की तकनीक पर रबर डैम का निर्माण किया गया है। देश में पहली बार इस विधि से डैम बनाया गया है। रबर डैम पूरी तरह बुलेट प्रूफ है। इससे रबर के नौ लेयर से तैयार किया गया है। इसके निर्माण पर 28 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
खाद कारखाना को चाहिए 1450 मीटर क्यूबिक प्रति घंटा चाहिए पानी
एचयूआरएल के खाद कारखाना को प्रति घंटा 1450 क्यूबिक घन मीटर पानी की जरूरत होगी। चिलुआताल में 20 लाख क्यूबिक मीटर पानी स्टोर करने की व्यवस्था की गई है। रबर बांध की मदद से पानी चिलुआताल में हमेशा भरा रहेगा। यदि पानी कम होगा तो रबर की हवा निकाल कर नदी से आने वाले पानी इकट्ठा किया जाएगा। पानी के लिए खाद कारखाना प्रबंधन और नगर निगम प्रशासन ने करार भी किया है।
राप्ती से नारायणी में जाता है पानी
बारिश के दिनों में महेसरा के पास चिलुआताल में राप्ती नदी और नारायणी नदी का पानी आता है। बाढ़ के समय राप्ती नदी का पानी चिलुआताल के रास्ते नारायणी नदी में जाता है। सामान्य समय में नारायणी नदी का पानी राप्ती नदी में मिलता है।
बढ़ाई गई है चिलुआताल की गहराई
रबर बांध बनाने के पहले खाद कारखाना प्रबंधन ने चिलुआताल की गहराई बढ़ाई है। गहराई के लिए दो मशीनें लगाई गईं। निकलने वाली मिट्टी को ताल के तीन तरफ डाला गया।
रबर डैम के उद्घाटन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। 12-15 जनवरी के बीच उद्घाटन हो सकता है। इसके लिए केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से समय देने का अनुरोध किया गया है। - सुबोध दीक्षित, वरिष्ठ प्रबंधक, एचयूआरएल।

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