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    BRD Medical College में अगले महीने से होगा दिल के छेद का इलाज, अब आशा कार्यकर्ता बनाएंगी आयुष्मान गोल्डन कार्ड

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 04:25 PM (IST)

    दिल के छेद व खराब वाल्व के उपचार के लिए अब तक गोरखपुर व आसपास के जिलों से लोगों को लखनऊ रेफर किया जाता था। लेकिन अगले महीने से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ...और पढ़ें

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    BRD Medical College में अगले महीने से दिल के छेद का इलाज होगा। (फाइल फोटो)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में सितंबर से हृदय के वाल्व व दिल के छेद का भी उपचार हो सकेगा। कैथ लैब शुरू हो चुकी है। जनवरी से एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी होने के साथ ही पेसमेकर भी लगाया जा रहा है। अभी तक वाल्व व दिल में छेद के रोगियों को संजय गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआइ), लखनऊ रेफर किया जाता था। अब उन्हें यहीं सुविधा मिलने लगेगी। बिना चीर-फाड़ के आपरेशन किया जाएगा।

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    क्या कहते हैं डॉक्टर

    हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कुनाल सिंह ने बताया कि दिल के छेद व हृदय के वाल्व के 10-10 रोगी चिह्नित कर लिए गए हैं। छेद वाले रोगियों की उम्र 16 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक है। खराब वाल्व वाले रोगी 30 से 50 वर्ष के बीच के हैं। मेडिकल कॉलेज में अभी बच्चों के दिल के छेद का उपचार नहीं किया जाएगा। 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के दिल के छेद का आपरेशन होगा।

    आशा कार्यकर्ता मोबाइल से बनाएंगी गोल्डन कार्ड

    आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) अब आशा कार्यकर्ता भी बनाएंगी। इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (National Health Authority) ने पोर्टल व एप लांच किया है। एप के मदद से मोबाइल में लाभार्थियों का डाटा अपलोड कर गोल्डन कार्ड बनाएंगी।

    जिले में 26 प्रतिशत लोगों का ही बन सका है गोल्डन कार्ड

    जिले में आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) के तहत चार लाख परिवारों के 20 लाख लाभार्थी हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 26 प्रतिशत लोगों का ही गोल्डन बन सका है। गोल्डन कार्ड (Golden Card) तेजी से बन सके इसके लिए कार्यदाई संस्था ने पीएमजेवाई पोर्टल (एप) लांच किया है। गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से आशा पोर्टल को अपलोड करेंगी। सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि आशा अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाएंगी। इस एप में फेस आथेंटिकेशन की सुविधा है। इसलिए लाभार्थी की तस्वीर मौके पर ही एप के जरिये ली जा सकेगी।